अलगाववादी नेताओं को जेल में डाला जाए
सरकार को पाकिस्तान को लेकर अपनी डिप्लोमेटक रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक को हर मोर्चे पर अलग-थलग करना होगा।
जागरण संवाददाता, मथुरा: सरकार को पाकिस्तान को लेकर अपनी डिप्लोमैटिक रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को हर मोर्चे पर अलग-थलग करना होगा। बहुत हो चुका, अब सहन नहीं होता। कब तक हमारे जवान इस तरह अपनी शहादत देते रहेंगे। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक से इतर कड़ा और बड़ा एक्शन सेना और सरकार को लेना चाहिए। आज पूरे देश में पाकिस्तान की इस नापाक हरकत पर गहरा आक्रोश है। देश बस बदला चाहता है। अलगाववादी नेताओं को जेलों में डाला जाए और पूरे कश्मीर में बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया जाए। यह बात जागरण के साथ बातचीत में कर्नल विक्रम ¨सह ने की।
सन 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए दोनों युद्धों में अपनी निर्णायक और महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके कर्नल विक्रम ¨सह का मानना है कि पुलवामा की घटना सिर्फ अकेले पाकिस्तान की हरकत और साजिश नहीं, बल्कि इसमें कट्टरपंथी मुल्क भी शामिल हैं, जिनकी आंखों में आज ¨हदुस्तान की तरक्की चुभ रही है। पुलवामा की घटना में इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता कि खुफिया स्तर पर कहीं न कहीं चूक हुई है और इतनी बड़ी मात्रा में आरडीएक्स का जमा होना इन सब बातों की गहरी जांच होनी चाहिए। कर्नल विक्रम ¨सह ने 68 आर्मड रेजीमेंट को कमांड किया है और तीन साल कश्मीर में भी तैनाती रही है। उनका कहना है कि पाकिस्तान से डिप्लोमेटिक रिलेशनशिप पूरी तरह खत्म करनी होगी। पुलवामा की घटना के बाद देश में पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह का गुस्सा देखने को मिल रहा है। यह समय पाकिस्तान को सबक सिखाने का है। पूरा देश सरकार के साथ खड़ा है। यह वक्त किसी तरह की राजनीति करने का नहीं है। शहीदों के परिवारों के दर्द और आंसुओं का जवाब तो सरकार को देना ही होगा।