प्लंबर के इंजीनियर बेटा ने मजदूरों की राह आसान की
जागरण संवाददाता, मथुरा: प्लंबर पोहप ¨सह ने अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखा। बेटा वीरेंद्र न
जागरण संवाददाता, मथुरा: प्लंबर पोहप ¨सह ने अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखा। बेटा वीरेंद्र ने इंजीनिय¨रग पढ़ते-पढ़ते अपने पिता सरीखे हजारों मजदूरों की दुश्वारी एक एप बनाकर दूर करने की दिशा में काम किया है। श्रम विभाग इस एप का प्रमोशन करने में जुट गया है।
श्रम विभाग के पंजीकृत प्लंबर पोहप ¨सह वीरेंद्र कुमार को जीएल बजाज इंजीनिय¨रग कॉलेज में पढ़ा रहे हैं। वीरेंद्र ने पढ़ाई के दौरान ऐसा मोबाइल एप बना डाला है, जो न केवल शहर के होलीगेट, धोलीप्याऊ, कृष्णा नगर और दूसरे बाजारों में रोज सुबह लगने वाली मजदूरों के झुंड को खत्म कर सकता है, बल्कि उन्हें घर बैठे काम भी दिला सकता है। इस एप पर एक बार मजदूर का रजिस्टेशन हो जाने के बाद उसे उसकी योग्यता के अनुसार स्वयं ही काम मिल जाएगा। न्यू इशापुर पानी की टंकी, लक्ष्मी नगर का रहने वाला वीरेंद्र कुमार जीएल बजाज इंजीनिय¨रग कॉलेज में बीटेक कंप्यूटर साइंस द्वितीय वर्ष का छात्र है। उसके पिता मजदूर हैं। वीरेंद्र ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के हितों के लिए यह एप चार महीने के कठिन परिश्रम के बाद तैयार किया है। इसका प्रदर्शन वह सहायक श्रमायुक्त प्रभात कुमार ¨सह के समक्ष कर चुका है।
इस एप के जरिए लेबर अड्डों पर खड़े होने वाले व अन्य असंगठित क्षेत्र के मजदूर अपना नाम, पता, फोटो, ट्रेड व मोबाइल नंबर डालकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। अब जिसे भी मजदूर की आवश्यकता होगी, वह मजदूर से सीधे एप के माध्यम से संपर्क कर लेगा। उन्हें घंटों अड्डों पर खड़े होकर काम की तलाश करने की आवश्यकता नहीं होगी।
सहायक श्रमायुक्त इस एप को देखकर न केवल प्रभावित हुए हैं, बल्कि उन्होंने इस एप के लांच व प्रमोशन के लिए शासन व श्रमायुक्त को पत्र भी लिखा है। वीरेंद्र ने अपने इस नायाब काम के लिए जीएल बजाज इंजी. कालेज के हेड अंकुर सक्सेना के मार्गदर्शन के लिए आभार जताया है।