अल्लाह को दी जाएंगी दस हजार कुर्बानियां
बकरीद सोमवार को है। शहर में दस हजार मुस्लिम परिवार अल्लाह को खुश करने के कुर्बानी देंगे। हर कोई अल्लाह की मेहरबानी चाहता है। कुर्बानी के लिए बकरों को पिस्ते-बादाम खिलाए जा रहे हैं। मुस्लिम समाज को बकरीद का इंतजार है।
मथुरा : बकरीद सोमवार को है। शहर में दस हजार मुस्लिम परिवार अल्लाह को खुश करने के कुर्बानी देंगे। हर कोई अल्लाह की मेहरबानी चाहता है। कुर्बानी के लिए बकरों को पिस्ते-बादाम खिलाए जा रहे हैं।
शहर में करीब 20 हजार मुस्लिम परिवार हैं, जिनकी आबादी करीब एक लाख है। बकरीद पर करीब दस हजार परिवार कुर्बानी देंगे। बकरीद के अलावा तीन दिन और कुर्बानी दी जाती है। मुस्लिम समाज के लोगों ने कुर्बानी के लिए बकरों की खरीददारी कर ली है। बकरों को तंदुरुस्त रखने के लिए आम, बिस्किट, चने, रोटी, मेवा, पराठे आदि खिलाए जा रहे हैं।
संकलप वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मो. रियाजुद्दीन ने बताया कि शहर में करीब 20 हजार मुस्लिम परिवार हैं, इसमें से करीब दस हजार परिवार कुर्बानी करते हैं।
क्यों दी जाती है कुर्बानी
इब्राहिम साहब को तीन दिन सपना आया कि वह अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी दे रहे हैं। उनकी सबसे प्यारी चीज उनका बेटा इस्माइल था। इस सपने को साकार करने के लिए वह अपने बेटे की कुर्बानी करने लगे। अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए छुरी उठाई, तभी अल्लाह के फरिश्ते ने छुरी के नीचे इस्माइल के स्थान पर मेड़ा रख दिया। तभी से बकरीद पर कुर्बानी दी जा रही है। कुर्बान किया जाने वाला बकरा बीमार नहीं होना चाहिए।
मो. इमरान सनाविली-इमाम
कौन कर सकता है कुर्बानी
आर्थिक स्थिति से बेहतर लोग ही कुर्बानी कर सकते हैं। कर्ज लेकर कुर्बानी नहीं करनी चाहिए। कई दिन पहले हो गई बुकिग
करीब छह लोगों की ने कुर्बानी देने के लिए बुक किया है। कुर्बानी ईद के बाद तीन दिन और दी जाएगी। लोग ईद पर खुश हैं और दिल खोलकर कुर्बानी कर रहे हैं।
सरफराज, भरतपुर गेट
ईद पर कई दिन पहले ही लोग बुक कर लेते हैं, ताकि अंतिम समय मारामारी की स्थिति न रहे। शहर में कुर्बानी दे के विशेषज्ञ करीब 2500 लोग हैं। जो लोग कुर्बानी देना जानते हैं, वह अपने आप ही कुर्बानी कर लेते हैं।
बल्लू-भरतपुर गेट