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दिल्ली जा रहे किसानों को उप्र-हरियाणा के बार्डर पर रोका, हाईवे पर जाम

नए कृषि सुधार कानूनों को खत्म करने के विरोध में मथुरा से जा रहे थे किसान कोसीकलां में उप्र-हरियाणा के बार्डर पर रोका दोपहर तक हाईवे पर जमे रहे किसान किसान हाईवे पर धरना देकर बैठे जाम लगा

By Nirlosh KumarEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 04:02 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 04:02 PM (IST)
दिल्ली जा रहे किसानों को उप्र-हरियाणा के बार्डर पर रोका, हाईवे पर जाम
किसान आंदोलन को समर्थन देने जा रहे किसान उप्र-हरियाणा बार्डर पर प्रदर्शन करते हुए।

मथुरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली में आंदोलित किसानों के समर्थन में जिले से जा रहे किसानों को हरियाणा और उप्र पुलिस ने कोसीकलां स्थित कोटवन बार्डर पर रोक लिया। इस बीच किसानों की पुलिस से तकरार भी हुई। किसान हाईवे पर धरना देकर बैठ गए। इससे जाम लग गया।

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नए कृषि सुधार कानूनों को खत्म किए जाने के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। जिले से गुरुवार को बड़ी संख्या में किसान उनके समर्थन के लिए दिल्ली जा रहे थे। ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर हरियाणा की ओर जा रहे किसानों के अलग-अलग जत्थों की अगुवाई मजदूर नेता दीपक चौधरी, भाकियू नेता बुद्धा सिंह और कांग्रेस नेता उमेश पंडित कर रहे थे। किसान सीधे हाईवे से होकर न जाकर देहात के रास्तों से निकल रहे थे। इसकी जानकारी पुलिस को हो गई। इस पर कोसीकलां और हरियाणा की होडल पुलिस सक्रिय हो गई। हरियाणा में प्रवेश करते ही पुलिस ने किसानों को रोक लिया। कोसीकलां पुलिस ने भी आस-पास के गांवों में सुरक्षा बढ़ा दी और कोसीकलां स्थित उप्र-हरियाणा के बार्डर पर पुलिस ने किसानों को रोक लिया। किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़ गए। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया और हाईवे पर धरना देना शुरू कर दिया। किसानों ने हाईवे पर आड़े-तिरछे वाहन खड़े कर दिए, जिससे हाईवे पर जाम लग गया। दोनों राज्यों की सीमा में वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम का असर हरियाणा के होडल की ओर अधिक दिखा। कांग्रेस नेता उमेश पंडित ने कहा, कृषि सुधार कानून एक काला कानून है। जो किसानों को बर्बाद करने के लिए बनाया गया है। दोपहर तक किसान हाईवे पर जमे हुए थे। प्रधानमंत्री को इस पर बोलना चाहिए और इस काले कानून को वापस लेना चाहिए । मजदूर नेता दीपक चौधरी ने कहा कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं होगा, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।


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