कंप्यूटर सेंटर बंद कर गलत सोहब्बत में पड़ गया था संजय
एक महिला आरक्षी पर वर्दी में ड्यूटी पर जाते समय एक युवक ने तेजाब फेंक दिया था
मथुरा, जासं। चार अप्रैल की सुबह चार बजे दामोदरपुरा में जो हुआ उसने सबको हिलाकर रख दिया। स्वभाविक भी था, एक महिला आरक्षी पर वर्दी में ड्यूटी पर जाते समय एक युवक ने तेजाब फेंक दिया इसमें साथ दिया उसके चार दोस्तों नें। आरोपी समेत चार गिरफ्तार हो चुके हैं, एक की तलाश है।
संजय का एक तरफा प्यार महिला आरक्षी के लिए मुसीबत ऐसे ही नहीं था। संजय आवारा किस्म का लड़का था। शुरू में उसने कंप्यूटर सेंटर चलाया पर बाद में बंद कर दिया। इसके बाद गलत सोहबत में पड़ गया।
संजय के दोस्त थे हिमांशु, सोनू, बॉबी और किशन। चारों में दोस्ती तो थी, लेकिन एक यार को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के बजाए उसका साथ देने लगे। नतीजा क्या रहा, यार तो जिदगी भर के लिए जेल गया ही। दोस्त भी जिदगीभर किस्मत को कोसेंगे किस घड़ी में उन्होंने यह निर्णय लिया। यह संजय का फ्रस्टेशन है:
जिला अस्पताल में मानसिक सलाहकार नीतू सिंह कहती हैं कि फिल्म और सीरियल के हीरो युवाओं के प्रेरक बनने लगे हैं। संजय ने वन साइड अट्रेक्शन में जो फैसला लिया वह प्यार नहीं फ्रस्टेशन है। जहां तक उसके दोस्तों द्वारा साथ देने की है तो एक्साइटमेंट की खोज में उन्होंने संजय का साथ दिया। वह भी फ्रेंड सर्किल के प्रेशर में। यदि उन्हें क्रिएटिव फील्ड मिलता तो शायद वह ऐसा नहीं करते। इस सब में परिवार सबसे ज्यादा दोषी है। परिवार के सदस्यों को युवाओं से मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए, साथ ही उन पर कंट्रोल रहे कि वह गलत दिशा में तो नहीं जा रहे हैं।