चिलचिलाती धूप में भी 84 कोस की डंडौती परिक्रमा
भक्ति में है शक्ति के पर्याय बने प्रतापगढ़ के शिवकांत पांच अप्रैल से हसनपुर हरियाणा से शुरू की परिक्रमा महावन क्षेत्र में पहुंचे
लक्ष्मीनगर(मथुरा), संसू। भक्ति में ही शक्ति है। तभी तो चिलचिलाती धूप में राधाकृष्ण के भक्त शिवाकांत मिश्र चौरासी कोस की डंडौती परिक्रमा लगा रहे हैं। महावन तहसील के गांव कारब के समीप उन्हें देखने लोगों का तांता लग गया।
शिवाकांत (63) निवासी गौरा पोवेढपुर तहसील कुंडा जिला प्रतापगढ़ से ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह कुंडा तहसील में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे। वे हमेशा राधाकृष्ण की भक्ति में लीन रहे। उन्होंने 28 वर्ष पहले नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था। प्रतापगढ़ में एक राधाकृष्ण के मंदिर में पूजा अर्चना करने लगे। विचार आया कि राधाकृष्ण की जन्मभूमि के दर्शन करने मथुरा-वृंदावन जाना चाहिए। ब्रज के अनेक मंदिरों में दर्शन किए। गोवर्धन, मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करने लगे। अधिक मास में चौरासी कोस की परिक्रमा की। कुंभ नहाने प्रयागराज गए। पांच अप्रैल से हसनपुर हरियाणा से डंडौती परिक्रमा कर रहे हैं।
एक दिन में करीब 2.5 किमी की दूरी तय करते हैं। कारब के विशाल गौतम बाबा की सेवा में लगे हुए हैं। खाने और रुकने की व्यवस्था के बारे में शिवाकांत कहते हैं कि सबकुछ राधा-कृष्ण करते हैं। इसलिए हमें कोई चिता नहीं है। उनके परिवार में दो बेटियां व दो बेटे हैं। सभी संपन्न हैं। एक बेटा वकील, तो दूसरा किसान है।