3500 लाभार्थी चिन्हित, चल रही फीडिग
पंचायतीराज विभाग की ओर से जिले के सभी दस विकास खंड में चल रहा चयन का कार्य मुख्य सचिव ने भरण पोषण भत्ता को लेकर जारी किया था शासनादेश
जागरण संवाददाता, मथुरा: रोज कमाकर अपना पेट भरने वालों को कोरोना कर्फ्यू में परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके लिए शासन की ओर से उन लोगों को भरण-पोषण भत्ता मुहैया कराए जाने की योजना तैयार की गई है, जिसके तहत पंचायतीराज विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का चयन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके तहत अब तक करीब साढ़े तीन हजार लोगों की फीडिग का कार्य पूरा हो चुका है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की रफ्तार में सभी कारोबार ठप हो गए हैं। ऐसे में ठेला, खोमचा वाले व्यक्तियों को आर्थिक संकट से ना जूझना पड़े। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने एक शासनादेश जारी किया था। जिसके तहत रोज काम करके अपना पेट भरने वालों को एक-एक हजार रुपये का भरण-पोषण भत्ता मुहैया कराया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग को सौंपी गई है। विभागीय अधिकारी गांव-गांव लाभार्थियों का चयन करने में जुटे हुए हैं। - दस्तावेज जुटाने में लग रहा समय-
पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी डाटा एकत्रित करने के बाद उसे अपलोड करना है। जिसमें सबसे अधिक समय ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के दस्तावेज एकत्रित करने में लग रहा है। इसके लिए नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से भी मदद ली जा रही है। एक-एक गांव से लाभार्थी के दस्तावेज एकत्रित कर उनकी फीडिग की जा रही है। इनको मिलेगा लाभ : ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा लगाने वाले, पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालक, कुली, पल्लेदार, नाई, धोबी आदि रोज कमाकर खाने वाले को प्रति परिवार एक हजार रुपये की धनराशि मुहैया कराई जाएगी। यह धनराशि लाभार्थी के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। ये ली जा रही है जानकारी : पंचायत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले लाभार्थियों से पात्र व्यक्ति का नाम, पिता का नाम, पता, आयु, व्यवसाय, व्यवसाय स्थल का पता, बैंक का नाम, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर, पहचान पत्र आदि की फोटो काफी जमा की जा रही हैं। - सभी विकास खंड के पात्रों का चयन लगभग फाइनल हो गया है। करीब साढ़े तीन हजार लाभार्थी चयनित हो चुके हैं। पात्रों की फीडिग की जा रही है। शासन से 31 मई तक का समय मिला हुआ है। हमारे कर्मचारी अपनी-अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में जुटे हुए हैं।
प्रीतम सिंह, डीपीआरओ