दो वर्ष में पूरी नहीं हो सकी सीएम की 19 घोषणा
जागरण संवाददाता मथुरा वर्ष 2018 में प्रदेश के मुखिया ने कन्हैया की सरजमी पर खड़े होकर
जागरण संवाददाता, मथुरा: वर्ष 2018 में प्रदेश के मुखिया ने कन्हैया की सरजमी पर खड़े होकर 19 योजनाओं की घोषणा की थी। अधिकांश योजनाओं को करीब दो वर्ष का समय पूरा हो चुका है, सिर्फ मांट के नवीन पशु राजकीय चिकित्सालय और वेटेरिनरी विश्वविद्यालय के अंदर सड़कों की मरम्मत व नए निर्माण का कार्य जरूर पूरा हो पाया है। इसके अलावा दूसरी कोई योजना पूरी नहीं हो सकी है। सीएम की घोषणा को लेकर भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त 2018 में घोषणा की थी। उनमें से शहर में वेलनेस सेंटर तथा वृंदावन में पर्यटन थाना बनाने के लिए जमीन तक जिम्मेदार तलाश नहीं कर पाए हैं। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक योजनाओं के लिए जमीन तो मिल गई है, लेकिन वहां पर निर्माण कार्य तक शुरू नहीं हो सका है। जहां कार्य चल भी रहा है तो वह कछुगा गति से चल रहा है। हालांकि जिम्मेदार निर्माण कार्य पूरा होने में देरी होने की वजह कोरोनाकाल को बता रहे हैं, लेकिन अनलाक 5 में भी निर्माण कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। इनमें सबसे अहम कार्य शहरी क्षेत्र में होने वाला इंटीग्रेटेड टैफिक मैनेजमेंट सिस्टम हैं।
- यह कार्य नहीं हो सके शुरू-
-मथुरा विधानसभा क्षेत्र में राजकीय डिग्री कालेज का निर्माण कार्य।
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय में फैकल्टी आफ फिशरीज साइंस विभाग का निर्माण कार्य।
-जिले में 21 बस स्टेशनों का शुरू नहीं हुआ विकास कार्य।
-बलदेव विधानसभा क्षेत्र में वेलनेस सेंटर का निर्माण कार्य।
-वृंदावन में पर्यटन थाना का निर्माण कार्य ।
-शहर में इंटीग्रेटेड टैफिक सिस्टम लागू किए जाने का कार्य।
-बलदेव के गांव सैदपुर में आइटीआइ का निर्माण कार्य।
- समीक्षा में सीएम जता चुके हैं नाराजगी-
पिछले दिनों सीएम ने आनलाइन समीक्षा बैठक की थी, जिसमें जिले में चल रहे 138 निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद नाराजगी भी व्यक्त की थी। उसके बाद 19 जिला स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह हर सप्ताह अपनी-अपनी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। हमारे लिए सभी योजनाओं को पूरा करना प्राथमिकता में शामिल है। सीएम की घोषणा वाली कुछ योजनाओं में बजट प्राप्त नहीं हुआ है, कुछ में जमीन न मिल पाना सबसे बड़ी समस्या है। हालांकि हमारी मंशा है कि जिन भी योजनाओं पर कार्य चल रहा है। उन्हें बहुत जल्द गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।
नितिन गौड़, सीडीओ