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योगी जी, इससे बेहतर था बेसहारा ही छोड़ देते

सरकारी गोशाला में तड़प-तड़पकर मर रहा गोवंश, अनजान बना पालिका प्रशासन, ठंड से बचाव को नहीं कराए गए पर्याप्त इंतजाम, सर्दी ने बढ़ाई बेजुबानों की मुश्किल।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 09:02 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:02 PM (IST)
योगी जी, इससे बेहतर था बेसहारा ही छोड़ देते
योगी जी, इससे बेहतर था बेसहारा ही छोड़ देते

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गोवंश को हांककर गोशाला में पहुंचाया गया। इनकी देखभाल का जिम्मा पालिका प्रशासन को सौंपा गया, लेकिन पालिका ने अपना पल्ला झाड़ लिया। देखरेख और इंतजाम के अभाव में तड़प-तड़पकर गोवंश मर रहा है, लेकिन जिम्मेदार व्यवस्था कराने की बजाय असलियत छिपाने में लगे हैं।

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शहर से दूर ट्रांसपोर्ट नगर में नगर पालिका ने गोशाला का निर्माण कराया है। दूर-दराज से हांककर लाए गए लगभग एक हजार गोवंश को यहां रखा गया है, पर इंतजाम अधूरे हैं। एक हजार गोवंश की क्षमता वाली इस गोशाला में मौजूदा समय में 1300 से ज्यादा गाय-बछड़े हैं। सभी को खुले में छोड़ दिया गया है। एक हिस्से में टिनशेड तो लगवाया गया है, लेकिन ठंड से बचाव के लिए व्यवस्था नहीं कराई गई है। ऐसे में अधिकांश मवेशी बीमार हैं।

नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी मनोज रस्तोगी का कहना है कि गोवंश की देखरेख के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं। रोजाना पालिका की टीम पहुंचकर जायजा लेती है। इसके अलावा पशु चिकित्सकों को भी बुलाया जाता है। सबसे बड़ी समस्या सांड हैं। ज्यादातर गोवंश इन्हीं के हमले में घायल हुआ है। सभी घायल मवेशियों को उपचार दिया जा रहा है। पालिका के पांच कर्मियों पर जिम्मेदारी: गोशाला की देखरेख और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए पालिका के कर अधीक्षक रामअचल, सफाई निरीक्षक ओमप्रकाश, जलकल विभाग के वरुण मिश्रा के साथ अनूप सक्सेना और अरुण कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। लगभग आधा सैकड़ा की हो गई मौत: चेयरमैन प्रतिनिधि लक्ष्मण कुमार गुप्ता का कहना है कि व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं। क्षमता से ज्यादा गोवंश को यहां रखवाया गया है। ऐसे में उनके चारे की दिक्कत आ रही है। अब तक लगभग आधा सैकड़ा गोवंश की मौत हो चुकी है। जिन्हें दफन कराया गया है।


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