कौन करेगा बच्चों का इलाज, जब एक भी विशेषज्ञ नहीं
100 शैय्या में तैनात एकमात्र विशेषज्ञ लंबी छुट्टी पर चल रहे हैं। डाक्टर के अभाव में इमरजेंसी से बचों को सैफई रेफर किया जाता है।
जासं, मैनपुरी : फीरोजाबाद में डेंगू बुखार ने दर्जनों जिदगियां लील ली हैं। हालात बेकाबू होने के बाद वहां तो शासन की टीम ने डेरा डाल लिया है, लेकिन मैनपुरी की बिगड़ती स्थिति को लेकर जिला प्रशासन अभी भी गंभीर नहीं हुआ है। यहां बेलगाम बुखार तेजी से अपने पैर पसार रहा है। बड़ी संख्या में बच्चे चपेट में आ रहे हैं, लेकिन उनके उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। पूरे जिले में एक भी बाल रोग विशेषज्ञ फिलहाल नहीं हैं। जो हैं भी वह लंबी छुट्टी लेकर घर बैठ गए हैं।
जिले में बुखार से बीमार होकर गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचने वाले बच्चों को कोई भी उपचार नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। दोपहर दो बजे के बाद इमरजेंसी में गंभीर हालत में पहुंचने वाले बीमार बच्चों को सीधे 100 शैया ले जाने की सलाह दे दी जाती है। 100 शैया में भी चिकित्सक की तैनाती न होने से अभिभावक दोबारा बच्चों को इमरजेंसी लाते हैं। यहां हालत खराब देख अभिभावकों को सैफई ले जाने की सलाह देकर अपना पल्ला झाड़ लिया जाता है। पोर्टल पर ही अपलोड कर दी चिकित्सक की छुट्टी
100 शैया अस्पताल में तैनात बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ को लगभग छह महीने पहले ही लिखा-पढ़ी के साथ जिला अस्पताल से संबद्ध करा दिया गया था। लगभग 25 दिनों से वे ड्यूटी से गायब हैं। जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा महिला अस्पताल के सीएमएस को पोर्टल के जरिए 12 सितंबर तक की छुट्टी की जानकारी दे दी गई थी। अभी तक चिकित्सक द्वारा कोई संपर्क नहीं किया गया है। ..तो बताइए कहां जाएं बीमार बच्चे
बीमार बच्चों के उपचार को लेकर 'दैनिक जागरण' ने जब दोनों अस्पतालों के सीएमएस से बात की तो अजीब तर्क दिये। 100 शैया अस्पताल के सीएमएस डा. आरके पचौरी का कहना है कि रिकार्ड के अनुसार उनके यहां सिर्फ एक ही बाल रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य हैं, जो छुट्टी पर हैं। उनके अलावा डा. अभिषेक दुबे इमरजेंसी मेडिकल आफिसर हैं और डा. संदीप कुमार एसएनसीयू प्रभारी हैं। नियम से दोनों ही चिकित्सक बच्चों को उपचार नहीं दे सकते हैं।
वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अरविद कुमार गर्ग का कहना है कि उनके पास भी कोई बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। ईएमओ गंभीर हालत में बच्चों को उपचार नहीं दे सकते हैं, चूंकि बच्चों का उपचार अलग होता है। ऐसे में बच्चों को सैफई रेफर करने के सिवाय दूसरा रास्ता नहीं है। वर्जन
अपर निदेशक स्वास्थ्य आगरा मंडल को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। उनके निर्देश के अनुसार सीएमएस 100 शैया को डा. डीके शाक्य की छुट्टी रद्द करने और उन्हें तत्काल ड्यूटी पर बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य चिकित्सकों की भी मांग की गई है। बेहतर सुविधा के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं। सभी टीमों को अलर्ट कर दिया गया है।
डा. पीपी सिंह, सीएमओ।