बेखौफ जलदोहन, जिम्मेदार बने अनजान
सबमर्सिबल पंपों से जमकर हो रहा पानी का दोहन वाहन धुलाई केंद्र हर रोज कर रहे हजारों लीटर पानी की बर्बादी
जासं, मैनपुरी: पानी की समस्या हर साल बढ़ रही है। बावजूद इसके कुछ लोग वाहन धुलाई केंद्र खोलकर बेखौफ होकर जलदोहन कर रहे हैं। हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। शहर के अधिकांश घरों में भी सबमर्सिबल पंपों से पानी का दोहन खूब किया जा रहा है।
शहर और जिले में अधिकारियों की लापरवाही के चलते बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से वाहन धुलाई केंद्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां पर गाड़ी धोने पर हजारों लीटर पीने का पानी बर्बाद कर दिया जाता है। पानी की बर्बादी रोकने को बनाया गया कानून हर रोज हजारों लीटर पानी के साथ नालियों में बह जाता है। वाहन धुलाई सेंटरों पर तो रोज पानी की बर्बादी हो रही है।
वहीं शहर के अधिकांश घरों में भी सबमर्सिबल पंपों से पानी का दोहन खूब किया जा रहा है। उस पर जिम्मेदारों की अनदेखी इस बर्बादी को खूब बढ़ावा दे रही है। विभागीय अधिकारियों का तो कहना है कि उन्हें पता ही नहीं कि जिले में धड़ल्ले से चल रहे वाहन धोने वाले सेंटर्स के लिए लाइसेंस लिए भी गए हैं या नहीं। सरकार ने पानी की बर्बादी करने वालों पर जुर्माना लगाने का प्रविधान कर रखा है, लेकिन विभाग की ओर से पानी बर्बाद करने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति पर जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है।
भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े भी जिले में लगातार गिर रहे भू जल स्तर की ओर इशारा कर रहे हैं। इसके लिए जिम्मेदार लघु सिचाई विभाग चुप बैठा है। इस बारे में विभाग के सहायक अभियंता आर. राज भाष्कर का कहना था कि विभाग के पोर्टल पर वाहन धुलाई सेंटर के लिए आवेदन करना होगा। विभाग उन्हें लाइसेंस जारी करेगा। इसके बाद ही वह संचालित कर सकेंगे। बगैर पंजीकरण संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ इन्हें बंद कराया जाएगा।