अब विलुप्त आवगंगा में हिलोरे लेगा पानी
मनरेगा से संवरेगा नदी का सौंदर्य प्रशासन ने तलाशा नदी का रास्ता बरनाहल और करहल बीरूीओ ने बनाई योजना।
जासं, मैनपुरी: फीरोजाबाद के शिकोहाबाद से निकलकर मैनपुरी होकर सैंगर नदी में मिलने वाली और अब विलुप्त होने वाली आव गंगा नदी का जल्द पुनरोद्धार होगा। मनरेगा से इसके तहत कार्य किया जाएगा। प्रशासन इसके लिए मानव दिवस सृजित करने की योजना बना रहा है। नदी के अस्तित्व में आने के बाद एक दर्जन से अधिक गांवों को लाभ होगा। बरनाहल और करहल खंड विकास अधिकारी इस कार्य को अंजाम देंगे।
शिकोहाबाद के मैनपुरी चौराहे के समीप खेड़ा महान से आव गंगा नदी का उद्गम होता है। यहां से ताल से निकलने वाली यह नदी कालांतर में बरनाहल से होते हुए करहल के पास सैंगर नदी में मिलती थी। सैंगर इस नदी के अलावा अन्य कई नदियों को साथ लेकर कानपुूर देहात के समीप यमुना में मिलती है। अब सालों से मैनपुरी में आव गंगा नदी का अस्तित्व समाप्त सा हो गया है। जल संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण माने जाने वाली आव गंगा का अब मैनपुरी में पुनर्जन्म कराने की योजना बनाई गई है।
नदी की जमीन पर खेती: नदी के रास्ते की तलाश को अधिकारी जब निकले तो जमीन पर खेती होती मिली। परियोजना निदेशक एससी मिश्र और सिचाई विभाग के अधिकारी ऐसे हालातों को देखकर चौंक गए। इस दौरान ग्रामीणों ने उनको नदी के रास्ते पर बनाए गए पुल और आगे की राह बताई।
मनरेगा से होगा काम: नदी का पुनर्जन्म मनरेगा योजना से होगा। इसके लिए बरनाहल और करहल बीडीओ मानव दिवस सृजित करने की योजना बना रहे हैं। मैनपुरी में यह नदी तिरकारा, दौलतपुर, धुवई होकर करहल के समीप साहब रामपुर के पास से सैंगर नदी में मिलती है। नदी से बरनाहल के डार्क जोन को लाभ होगा। ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।
नदी को संवारने के लिए योजना बनाई गई है। नवरात्र में इस काम को शुरू किया जाएगा। नदी के रास्ते को खोज लिया गया है। इससे बरनाहल ब्लाक को फायदा मिलेगा। शिकोहाबाद से निकलकर यह नदी बरनाहल के दिहुली से होकर आगे जाती है। धीरेंद्र कुमार, बीडीओ बरनाहल।