एमएलसी चुनाव में बैलेट से मतदान कर मिला नया अनुभव
संसू भोगांव आगरा खंड स्नातक व शिक्षक विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान के बाद नए मतदाताओं में खासा जोश देखा गया। ईवीएम से अब तक मतदान करने वालों को बैलेट पेपर से मतदान करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
संसू, भोगांव: आगरा खंड स्नातक व शिक्षक विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान के बाद नए मतदाताओं में खासा जोश देखा गया। ईवीएम से अब तक मतदान करने वालों को बैलेट पेपर से मतदान करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
विधान परिषद के चुनाव को लेकर नेशनल इंटर कालेज बूथ पर सुबह से ही नए मतदाताओं में खासा जोश नजर आया। पहली बार मतदान करने आए ज्यादातर युवा मतदाताओं में बैलेट पेपर से मतदान को लेकर उत्साह नजर आया। इन युवाओं ने मतदान के बाद अपने अनुभव साझा किए। पहली बार मत पत्र से मतदान करने में कोई परेशानी नहीं हुई। हालांकि मतदान के लिए कतार में लगकर इंतजार करना पड़ा। स्नातक एमएलसी के चुनाव में विकास के नाम पर वोट किया है। ऐश्वर्या मिश्रा, मुहल्ला पथरिया, भोगांव मत पत्र की व्यवस्था से मतदान के बाद नया अनुभव मिला। पहली बार स्नातक चुनाव में बदलाव के लिए भागीदारी की। चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रशासन के बूथों पर अंजाम बेहतर रहे। शालिनी यादव, कबीरगंज, भोगांव स्नातक एमएलसी चुनाव में मताधिकार का प्रयोग कर मैंने अपनी जिम्मेदारी निभाई। इस चुनाव में लंबे समय बाद मत पत्र का प्रयोग करने का मौका मिला। अब तक चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम से वोटिग के बाद मत पत्र से मतदान में मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। सुलक्षणा शर्मा, मुहल्ला बक्कालान, भोगांव स्नातक विधान परिषद चुनाव में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए प्रशासन के बेहतर इंतजाम रहे। मत पत्र से मतदान के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। चुनाव में बेहतर विजन वाले प्रत्याशी को मतदान किया है। लक्ष्मी दुबे, मुहल्ला मिश्राना, भोगांव
मतदाताओं को लाने के लिए किए जतन
जासं, मैनपुरी: स्नातक एमएलसी चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने ग्रामीण अंचल के मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मा दिया। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर गांवों में ही स्नातक खंड के मतदाताओं को वाहन मुहैया कराया गया। मतदाताओं को लग्जरी वाहन में बिठाकर मतदान केंद्रों तक लाया गया। मतदान के बाद प्रत्याशियों ने इन भाग्य विधवाओं के जलपान की व्यवस्था रखी। मतदाताओं को भोजन के पैकेट भी मुहैया कराए गए। राजनीतिक दलों के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने भोजन वितरण अपनी निगरानी में कराया।