समूह की सखियां ग्रामीणों को करेंगी जागरूक
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन आनलाइन प्रशिक्षण दे रहा है। बीआरपी को भी कोरोना से जागरूकता को खास बात बताई जा रही हैं।
जासं, मैनपुरी: जागरूकता ही कोरोना से बचाव का खास हथियार है, इसी बात को जेहन में रखकर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह सखियों को आनलाइन प्रशिक्षण देने का काम जिले में हो रहा है। ब्लाक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) को गांव-गांव जागरूकता अभियान में सहभागिता को प्रशिक्षित किया जा रहा है। एनआरएलएम की जिला टीम इस काम को साकार करने में जुटी हुई है।
गांवों में अब कोरोना संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों को कोरोना बंदिशों का पालन करने को जागरूकता को बड़ा हथियार बनाया जा रहा है। अब ग्रामीणों को जागरूकता के लिए आधी आबादी को आगे बढ़ाकर काम किया जा रहा है। जिले में सीडीओ ईशा प्रिया के निर्देश पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी समूह की सखियों और ब्लाक रिसोर्स पर्सन महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम हो रहा है। जिला मिशन प्रबंधक प्रदीप कुमार, अनुज प्रताप सिंह और मनीष भारद्वाज सभी नौ ब्लाक की ऐसी महिलाओं को आनलाइन प्रशिक्षण देने में जुटे हैं।
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ये बताई जा ही बातें-
आनलाइन प्रशिक्षण के दौरान समूह सखी और बीआरपी को जागरूकता के अलावा कोरोना से बचाव की बातें समझाई जा रही हैं तो मास्क और शारीरिक दूरी के अलावा खांसी- जुकाम को छिपाने के बजाय जांच को बताया जा रहा है।
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यह होगा काम-
आनलाइन प्रशिक्षण के बाद समूह सखी और बीआरपी महिलाएं गांव-गांव समूह की दूसरी महिलाओं को कोरोना के प्रति जागरूकता को प्रशिक्षण देंगी, जिससे गांवों में यह काम तेजी से हो सके।
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पांच ब्लाक में काम पूरा-
महिलाओं को आनलाइन प्रशिक्षण देने का काम अब तक नौ ब्लाक में से पांच में हो चुका है। स्वत: रोजगार उपायुक्त रंजीत सिंह ने बताया कि अब तक डीएमएम की टीम बरनाहल, बेवर, जागीर, सुल्तानगंज और करहल में इस काम को पूरा कर चुकी है।
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समूह की 425 सखी और नौ बीआरपी महिलाओं को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह महिलाएं गांवों में समूह की अन्य महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी, जो अपने गांव में जागरूकता अभियान से जुड़ेगी।
-ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।