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पुल और सड़क निर्माण की परियोजनाओं में बजट से जागेगी उम्मीद

मैनपुरी जासं। उप्र सरकार के बजट में जिले को अलग से कोई तोहफा नहीं मिला। परंतु यहां चल रही सड़क व पुल निर्माण परियोजनाओं के रफ्तार मिलने की आस जरूर जाग गई है। सड़कों और पुल निर्माण के लिए घोषित की गई धनराशि से इन योजनाओं को भी तेजी मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:08 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:10 AM (IST)
पुल और सड़क निर्माण की परियोजनाओं में बजट से जागेगी उम्मीद
पुल और सड़क निर्माण की परियोजनाओं में बजट से जागेगी उम्मीद

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: उप्र सरकार के बजट में जिले को अलग से कोई तोहफा नहीं मिला। परंतु यहां चल रही सड़क व पुल निर्माण परियोजनाओं के रफ्तार मिलने की आस जरूर जाग गई है। सड़कों और पुल निर्माण के लिए घोषित की गई धनराशि से इन योजनाओं को भी तेजी मिलेगी।

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पूर्व की अखिलेश सरकार ने इसे फोरलेन से जोड़ने की योजना तैयार की थी। वर्ष 2018 में यह काम रेंगता ही रहा, परंतु 2019 में इसने तेजी पकड़ी। भोगांव से शहर तक का काम लगभग खत्म हो चुका है। वहीं शहर से आगे शिकोहाबाद तक के हिस्से पर भी निर्माण चल रहा है। इसमें बीच में दो छोटे पुल भी प्रस्तावित हैं।

वहीं ग्रांड ट्रक रोड (जीटी रोड) को फोरलेन करने की योजना भी पूरी गति से नहीं चल पा रही है। वर्ष 2018 में प्रगति केवल किसानों को मुआवजा बांटने तक ही सिमट कर रह गई थी। परंतु अब चौड़ीकरण का काम जिले की सीमा के भीतर शुरू हो चुका है। अब प्रदेश सरकार द्वारा लोक निर्माण विभाग व केंद्रीय मार्ग निधि योजना में बजट प्रस्तावित किए जाने से इनके निर्माण इस साल पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

ईशन नदी और सेंगर नदी पर एक-एक पुल प्रस्तावित है। 2019 की शुरुआत में थोड़ा काम शुरू हुआ, लेकिन बाद में रफ़्तार कुंद हो गई। ईशन नदी पर देवी रोड के पास करीब 3.21 करोड़ की लागत से प्रस्तावित पुल पर तो बीते साल के अंत से काम पूरी तरह रुका हुआ है। सेंगर नदी पर बन रहे पुल की भी यही स्थिति है। अब प्रदेश सरकार ने पुलों के लिए निर्माण के लिए अलग ढाई हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। माना जा रहा है कि इस राशि से इन पुलों के लिए भी बजट का आवंटन होगा और काम रफ्तार पकड़ सकेगा।

देहात की सड़कों की भी बदलेगी सूरत

जिले में किशनी, भोगांव, कुरावली, घिरोर, आदि क्षेत्रों में सड़कों की हालत खस्ता है। गांवों तक जाने वाले ज्यादातर संपर्क मार्ग तो बुरी तरह क्षतिग्रस्त पड़े हैं। प्रदेश सरकार ने बजट में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के लिए बजट का प्रावधान किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों के निर्माण का रास्ता साफ होने की बात कही जा रही है।


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