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गोवंशी के संरक्षण और रोजगार पर हो काम तो बने बात

बाइक इलेक्शन फसल उजाड़ रहे गोवंश की समस्या से आहत गांव गोधना के ग्रामीण सर्द रात्रि में फसल बचाने को खेतों पर डाल रहे डेरा अब तो उपाय जरूरी

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 06:12 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 06:12 AM (IST)
गोवंशी के संरक्षण और रोजगार पर हो काम तो बने बात

जासं, मैनपुरी: वर्तमान सरकार ने गोवंश संरक्षण को काम तो किया, लेकिन समस्या का पूरी तरह से निदान नहीं हो सका है। सर्द मौसम में फसल बचाने के लिए किसान को खेतों में रात गुजारनी पड़ रही है। अब कोई भी सरकार आए, विकास के साथ जिले में रोजगार विकसित करने पर काम करें और गोवंश से जुड़ी समस्या का पूरी तरह निदान करें।

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मंगलवार सुबह जागरण टीम करीब 28 किमी का सफर तय कर घिरोर कस्बा से करहल रोड स्थित गांव गोधना पहुंची। गांव का मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त था। गांव के अंदर पाठशाला के समीप अलाव पर कुछ लोग ताप रहे थे। ग्रामीण आपस में चर्चा में मशगूल थे। टीम यहां रुकी तो चुनाव और जिले की जरूरतों को लेकर चल रही चर्चा और व्यापक हो गई। अरविद कुमार ने बेसहारा गोवंशी को लेकर बात छेड़ी तो रामजीलाल भी इसमें शामिल हो गए। बोले, इस सरकार ने इस समस्या को कम तो किया, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं कर पाई। आज भी बेसहारा गोवंशी खेतों में दिखता है। फसलों में नुकसान पहुंचा रहा रहा है। ऐसे में मेहनत को बचाने के लिए किसान सर्द रात खेत में गुजार रहे हैं। अब कोई सरकार आए, इस समस्या का निदान करें। यहां मौजूद विजय कुमार का तर्क था कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है, इसे भी देखना चाहिए। वैसे, ऐसे पशुओं को संरक्षित करने से ही समस्या का निदान होगा।

इसी दौरान मकरंद सिंह ने रोजगार का मुद्दा छेड़ा तो सभी एक राय नजर आए। जिले के विकास से रोजगार पैदा होने की बात कहने लगे। बोले, इस जिले में रोजगार का अभाव है। माहौल खराब होने और हाईवे से अलग होने की वजह से यह जिला इस मामले में पीछे है। यहां के युवा रोजगार के लिए पलायन करते हैं। कानून व्यवस्था तो सुधरी लेकिन रोजगार को लोकर इस जिले के लिए कुछ नहीं हुआ।

यहां चर्चा को बीच में छोड़कर टीम लपगवां गांव पहुंची तो मंदिर पर चर्चा करते कई युवा नजर आए। परिचय के बाद चर्चा की जानकारी पूछी तो संजीव कुमार, दिलीप कुमार और भारत सिंह बोले कि पूर्व की सरकारों ने यहां सबसे ज्यादा विकास कराया था। अब सरकारी योजनाओं का लाभ जरूर मिला है। इसके बाद टीम अगले पड़ाव गांव ठकरई पहुंचे तो यहां अमित यादव, संजय यादव और कमलेश प्रदेश में बदलाव की बात पर जोर देते नजर आए।


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