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जिले में सब कुछ अनलॉक, ओपीडी में पड़े हैं ताले

मैनपुरी जासं। शासन ने अनलॉक-3 की शुरुआत कर दी है। धीरे-धीरे कारोबार से लेकर जिदगी पटरी पर लौट रही है। लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं पर अब भी ग्रहण लगा हुआ है। लगातार चार महीनों से जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद पड़ी हैं। जिले भर से मरीज यहीं इलाज के लिए आते हैं। अब विशेषज्ञ चिकित्सकों के कमरों में ताला लटकने की वजह से किसी को भी उपचार नहीं मिल रहा है। मजबूरी में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है। प्रशासनिक स्तर पर इस गंभीर समस्या के निदान की ओर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:03 AM (IST)
जिले में सब कुछ अनलॉक, ओपीडी में पड़े हैं ताले
जिले में सब कुछ अनलॉक, ओपीडी में पड़े हैं ताले

केस एक: दन्नाहार की ओमवती (50) सीने में दर्द की वजह से परेशान थीं। मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचीं, लेकिन कमरों में ताला लटकता देख बगैर उपचार ही वापस लौटना पड़ा।

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केस दो : शहर की आवास विकास कॉलोनी के अमर दुबे दांत में दर्द का इलाज कराने के लिए मंगलवार को अस्पताल गए थे, लेकिन दंत रोग विभाग में ताला लगा मिला। मजबूरी में प्राइवेट चिकित्सक से उपचार कराना पड़ा।

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: शासन ने अनलॉक-3 की शुरुआत कर दी है। धीरे-धीरे कारोबार से लेकर जिदगी पटरी पर लौट रही है। लेकिन, स्वास्थ्य सेवाओं पर अब भी ग्रहण लगा हुआ है। लगातार चार महीनों से जिला अस्पताल की ओपीडी सेवाएं बंद पड़ी हैं। जिले भर से मरीज यहीं इलाज के लिए आते हैं। अब विशेषज्ञ चिकित्सकों के कमरों में ताला लटकने की वजह से किसी को भी उपचार नहीं मिल रहा है। मजबूरी में मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है। प्रशासनिक स्तर पर इस गंभीर समस्या के निदान की ओर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।

ये सेवाएं हैं ठप: दंत रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग, ह्दय रोग विभाग, अस्थि रोग विभाग के अलावा फिजियोथैरेपी सेंटर, मन कक्ष, आयुष चिकित्सालय, जीरियाटिक वार्ड, फिजीशियन कक्ष सहित अन्य सेवाएं बंद पड़ी हैं। सिर्फ बुखार से संबंधित मरीजों के ही पर्चे बनाए जा रहे हैं।

इमरजेंसी में भी नहीं इंतजाम

लॉकडाउन से इमरजेंसी ही संचालित हो रही है। यहां भी सुविधाओं का अभाव है। माइनर ओटी में किसी भी प्रकार के उपकरण नहीं हैं। सामान्य मरीजों को देखने के लिए यहां न तो अलग से वार्ड बनाया गया है और न ही अतिरिक्त चिकित्सक या स्टाफ की तैनाती की गई है। कोविड के खौफ की वजह से यहां आने से सामान्य मरीज भी कतराते हैं।

संचालित हो रहा महिला अस्पताल

जिला संयुक्त चिकित्सालय में शासनादेश का हवाला दिया जा रहा है, लेकिन 100 शैय्या अस्पताल में ऐसा कोई नियम लागू नहीं हो रहा है। यहां कोविड प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए बाकायदा ओपीडी सेवाओं का संचालन कराया जा रहा है। रोजाना मरीजों को उपचार दिया जा रहा है।

आदेश पर ही सेवाएं बाधित हैं। शासनादेश के बाद ही ओपीडी सेवाओं का संचालन करा सकते हैं। टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है। डॉक्टरों के नंबर जारी कराए गए हैं। कोई भी मरीज निर्धारित समय पर बात करके परामर्श ले सकता है।

डॉ. आरके सिंह, प्रभारी सीएमएस, जिला चिकित्सालय।


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