अहिकारीपुर ग्राम पंचायत में अधूरा विकास, राहों पर भरा पानी
पांच साल में अहिकारीपुर गांव में आधी राह को पक्का करके आधे को कचा छोड़ दिया। शौचालय निर्माण में अनदेखी हुई। वहीं राहों में पानी भर गया है।
संसू, कुसमरा: पांच साल में गांव अहिकारीपुर में कुछ भी न बदला। गांव की कई सड़कों को आधा बनाकर छोड़ दिया गया है। शौचालय निर्माण में भी अनदेखी की गई, जिससे आज भी ग्रामीण खुले की ओर दौड़ते हैं।
विकास खंड बेवर की ग्राम पंचायत अहिकारीपुर में पांच साल तक विकास रेंगता रहा। खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायत में आज भी शौचालय अधूरे पड़े हैं। पांच साल में गांव की कोई गली पूरी पक्की नहीं बन सकी, जिससे ग्रामीण सहज निकल सकें। राहों पर नालियों का गंदा पानी भरा रहता है। शौचालय और आवास के लिए पात्रों ने कई बार फार्म भरे, मगर हसरत पूरी नहीं हो सकी। सफाई के अभाव में गलियों और नालियों में कीचड़ एकत्रित है। ग्रामीणों की उदासीनता और खुले में जाने की कथित जिद से तीस फीसद शौचालय क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
सफाईकर्मी की तैनाती होने के बाद गांव में गंदगी रहती है। महीनों तक नालियां से गंदगी नहीं निकाली जाती है, जिससे बदबू होने लगी है। ग्रामीण अब बीमारी फैलने की आशंका जताने लगे हैं। राहों जमा कूड़े के ढेर गांव की स्वच्छता को बखान कर रहे हैं।
कई बार वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया, इसके लिए ब्लाक और तहसील भी गए, लेकिन आज तक पेंशन का लाभ नहीं मिला।
-केसर देवी। कई बार आवास के लिए आवेदन किया, लेकिन आवास नही मिल सका। झोपड़ी में रहने को मजबूर है। बरसात में तो काफी परेशानी होती है।
-लज्जाराम। कई सालों से गली नही बनाई गई है। कच्ची गली में इस समय जलभराव बना हुआ है, जिससे ग्रामीणों आज भी ऐसे हालातों से राह निकलते हैं। -अमरनाथ।
ग्राम पंचायत में विकास तो देखने को नहीं मिलेगा। आवास पाने को आंखें तरस गई हैं, लेकिन पात्र होने के बाद यह नहीं मिल सका।
-तेज सिंह। --
ये मजरे शामिल
अहिकारीपुर के अलावा पडोली, हवलिया, डाली। एक नजर इधर भी
आबादी -6500
मतदाता -1800
प्राइमरी स्कूल - दो
पीएम आवास - 50
शौचालय बने - 255 आमने-सामने
गांव में विकास खूब कराया गया, कुछ कमी रह गई है, जिसे अबकी बार मौका मिलने पर पूरा करा दिया जाएगा। पात्र ग्रामीणों को वृद्धावस्था पेंशन, आवास और शौचालय दिए गए। मनरेगा में काम दिलवाया गया।
-मधु यादव, निवर्तमान प्रधान।
विकास के मामले में कोई उल्लेखनीय काम नहीं हो सका है। गांव में तमाम पात्र आज भी शौचालय और आवास से वंचित हैं। कई गलियों को अधूरा छोड़ दिया गया है। कई गलियों में भरा गंदा पानी विकास को बयां करता है।
रेशम देवी, रनर प्रत्याशी।