शहर में यातायात की 'सेहत' को बिगाड़ रहे ई-रिक्शा
शहर के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक चलने वाले ई रिक्शा वालों की खैर नहीं है। आरटीओ आफिस में बिना रजिस्ट्रेशन गली मुहल्लों से लेकर बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के बाहर से सवारियां उठाने वाले रिक्शा मालिकों के खिलाफ अभियान बुधवार 20 फरवरी से शुरू होने वाला है। विभाग के पास 15 सौ ऐसे ई रिक्शा मालिकों की जानकारी है जिन्होंने अभी तक वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
मैनपुरी (जागरण संवाददाता) । पर्यावरण की सेहत सुधारने के लिए सीमित दूरी के लिए ई-रिक्शा के प्रयोग को सरकार बढ़ावा दे रही है। लेकिन यह ई-रिक्शा यातायात की सेहत बिगाड़ रहे हैं। बिना पंजीकरण सड़कों और चौराहों पर बेतरतीब तरीके से इनकी मौजूदगी जाम का सबब बन रही हैं। जिम्मेदार इस ओर से आंखें मूंदे हुए हैं।
जिले में सड़कों पर दौड़ लगाने वाले ई रिक्शा की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। चौराहों पर दर्जनों ई -रिक्शा के एक साथ खड़े रहने से वाहनों को गुजरने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती। ऊपर से सैकड़ों रिक्शा चालक नाबालिग हैं। हजारों का पंजीकरण नहीं है। ऐसे में आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। विभाग चलाएगा अभियान
एआरटीओ प्रशासन राजेश कर्दम ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे ई रिक्शा के खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। करीब 1500 ई-रिक्शा का पंजीकरण नहीं है। प्रतिदिन पचास से लेकर सौ ई रिक्शा सीज किए जाएंगे। इन्हें खड़ा करने के लिए पुलिस महकमे से जिले के किसी एक थाने में जमीन देने का अनुरोध किया जाएगा। चौराहों पर रहेगी प्रवर्तन टीम
विभाग शीघ्र ही अभियान चलाएगा। इसके तहत बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, मुख्य चौराहों के बाहर विभाग की प्रवर्तन टीम को तैनात किया जाएगा। इनके साथ ट्रैफिक व पुलिस प्रशासन की टीम भी रहेगी। ये हैं मानक
ई-रिक्शा का प्रयोग सीमित दूरी के लिए किया जा सकता है। चालक के अलावा ई-रिक्शा में अधिकतम चार सवारियां बैठ सकती हैं। सवारियों संग अधिकतम 40 किलोग्राम वजन का सामान ले जा सकते हैं। ई-रिक्शे में अधिकतम दो हजार वॉट की मोटर लगाने की अनुमति है। 25 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक स्पीड नहीं होनी चाहिए।