बम्होरी में शौचालय अधूरे, ग्रामीण लगा रहे खेतों की दौड़
दन्नाहार संसू। सरकार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन जिले का बम्होरी गांव ऐसा है जहां आज भी ग्रामीण शौच के लिए खेतों की दौड़ लगा रहे हैं। यहां शौचालय बने तो हैं लेकिन अधूरे। निर्माण में धांधली की वजह से इनका काम अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण कराए जाने की मांग की है।
संसू, दन्नाहार: सरकार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन, जिले का बम्होरी गांव ऐसा है जहां आज भी ग्रामीण शौच के लिए खेतों की दौड़ लगा रहे हैं। यहां शौचालय बने तो हैं, लेकिन अधूरे। निर्माण में धांधली की वजह से इनका काम अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण कराए जाने की मांग की है।
विकास खंड घिरोर की ग्राम पंचायत बम्होरी अबाहार में शौचालय निर्माण में जिम्मेदारों ने जमकर धांधली की। नगला कुंजी और बम्होरी गांव के यशपाल, सुखवीर सिंह, बलराम सिंह, ओमकार सिंह, अमोल सिंह, मुन्ना लाल, जितेंद्र, शिवभान सिंह का आरोप है कि बनाए गए शौचालय ग्रामीणों के उपयोग के लायक नहीं हैं। कई बार खराब काम की शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नही हुई। वहीं कई ग्रामीणों का कहना है इस योजना का लाभ दिलाने के लिए ग्राम प्रधान और सचिव ने कई बार उनसे बैंक पासबुक, आधार कार्ड की छायाप्रति ली, लेकिन खाते में धनराशि आज तक नही आई है।
इस तरह की मनमानी से गांवों में आज भी शौचालयों की दुर्दशा है। प्लास्टर छोड़िए, रंगाई-पुताई तक नही हुई है। कई तो ऐसे हैं, जिनमें सीट तक नहीं रखी गई है। कुछ लोगों ने तो गड्ढा करवा कर छोड़ दिया है।
शासन से मिलने वाली धनराशि न मिलने के चलते गांव में शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं। कही गड्ढ़ा नही है तो कहीं प्लास्टर। हमारे शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है। ऐसे में उसमें उपले भर दिये हैं। रक्षपाल सिंह।
स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय मानकविहीन बनाकर आधे-अधूरे छोड़ दिए गए हैं। कोई लाभ नहीं हो रहा है। कई बार प्रधान व सचिव से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सुखवीर सिंह।
ग्राम प्रधान और सचिव ने ग्राम पंचायत में जिन शौचालय का निर्माण कराया है, वे अधिकतर बदहाल स्थिति में पड़े हुए हैं। इन्हें पूरा किए जाने की तरफ कोई प्रयास नहीं हो रहा है।कुंअर पाल सिंह।
मेरे परिजनों के यहां बनाए शौचालय में शीट तक नहीं रखी गई है। कई जगह गड्ढे ही नहीं बनाए हैं। कुछ पात्र व्यक्तियों के नाम सूची में होने पर भी धनराशि उनके खातों में नहीं डाली गई है। शिव भान सिंह।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय सिंह यादव का कहना है कि शौचालय निर्माण होते समय कुछ ग्रामीणों ने इनको बनने नहीं दिया। कुछ लोगों ने मजदूरों को भगा दिया।