पिता, सौतेली मां व भाई की हत्या में तीन को फांसी की सजा
बंटवारे के विवाद में युवक ने मौसा और दोस्त की मदद से किया था तिहरा हत्याकांड सगी बहन ताऊ व तयेरे भाई ने भी दी आरोपित के खिलाफ गवाही मां-बाप को गोलियों से भूना सौतेले भाई को अपहरण कर पीट-पीट मार डाला ञ्जद्धह्मद्गद्ग ड्डष्ष्ह्वह्यद्गस्त्र द्धड्डठ्ठद्दद्दद्गस्त्र श्चह्वठ्ठद्बह्यद्ध
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: पिता, सौतेली मां व भाई की हत्या के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट (नंबर-दो) ने मुख्य आरोपित युवक, उसके मौसा व दोस्त को फांसी की सजा सुनाई है। न्यायाधीश तरन्नुम खान ने तीनों पर एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। उन्होंने आदेश में कहा है कि तीनों आरोपितों को तब तक फंदे पर लटकाया जाएगा, जब तक उनकी मौत न हो जाए।
थाना करहल के गांव जलालपुर निवासी सुखराम यादव का अपने पुत्र मनीष से बंटवारे को लेकर विवाद था। तीन अक्टूबर, 2012 को पिता से विवाद के बाद मनीष घर से चला गया। नौ अक्टूबर, 2012 की रात साथियों के साथ आकर उसने सुखराम व सौतेली मां सुषमा की ताबड़तोड़ फायरिग कर हत्या कर दी, जबकि 12 वर्षीय सौतेले भाई अभिषेक का अपहरण कर लिया। घटना की रिपोर्ट सुखराम के बड़े भाई अवध सिंह ने मनीष और उसके मौसा वीरेंद्र यादव निवासी नगला बसई थाना बकेवर, इटावा व अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई।
पुलिस को जांच में पता चला कि नामजदों के अलावा कमलेश निवासी आलमपुर थाना भरथना (इटावा) व एक नाबालिग भी वारदात में शामिल था। पुलिस ने मनीष यादव को गिरफ्तार किया तो उसने अभिषेक की हत्या कर शव को इटावा जिला के थाना जसवंतनगर क्षेत्र में नदी के किनारे दफन करने की जानकारी दी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर शव बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम में उसकी कई हड्डियां टूटी होने और सिर कुचला होने की पुष्टि हुई। उसे पीट-पीटकर मारा गया। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दी।
नाबालिग आरोपित की पत्रावली को अलग कर अदालत में अन्य तीनों के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई। आरोपित मनीष के खिलाफ उसकी सगी बहन रचना, ताऊ अवध सिंह और तयेरे भाई सतीश व अन्य लोगों ने गवाही दी।
न्यायधीश ने घटना को जघन्य मानते हुए आरोपितों को दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने सभी दोषियों को मृत्यु दंड की सजा दिए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने मनीष, वीरेंद्र और कमलेश को फांसी की सजा सुनाई है।