पिटाई से हुई थी बंदी की मौत, शव रखकर सात घंटे हंगामा
शनिवार को जेल में हालत बिगड़ने के बाद हुई थी मौत पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई चोटों की पुष्टि रविवार को शव रखकर जेल में बंद भाई को रिहा करने की मांग पर अड़े परिजन बमुश्किल माने।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। शनिवार को हुई बंदी की मौत का कारण उसकी बेरहमी से पिटाई होना है। यह पर्दाफाश पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है। शुक्रवार को अंवैध रूप से शराब बेचने के आरोपित को पुलिस ने जेल भेजा था। शनिवार को उसकी मौत हो गई। इस मामले में रविवार को भी जबर्दस्त हंगामा हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद परिजन और ग्रामीण भड़क गए। अंतिम संस्कार से पहले जेल में बंद मृतक के भाई को रिहा करने की मांग करने लगे। गांव में ही शव रखकर नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए। करीब सात घंटे तक चली वार्ता के बाद परिजन अंतिम संस्कार को तैयार हुए।
शुक्रवार को तहसील किशनी के गांव महगवां निवासी छोटेलाल व उसके भाई दुर्गेश को किशनी पुलिस ने यूरिया मिश्रित शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शनिवार दोपहर जेल में छोटेलाल की हालत बिगड़ गई। जिला अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद छोटेलाल के परिजनों ने जिला अस्पताल के बाहर जाम लगा दिया था। परिजनों का आरोप था कि पकड़े जाने के बाद दारोगा सोहनपाल ने छोटेलाल को यातनाएं दी थीं। रविवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि मृतक के अंदरूनी चोट थीं। रिपोर्ट की जानकारी मिलते ही गांव में अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे परिजन और ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने शव को गांव में ही रखकर नारेबाजी शुरू कर दी। सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन में खलबली मच गई। एसडीएम करहल रतन वर्मा, एसडीएम किशनी प्रेमप्रकाश, सीओ भोगांव प्रयांक जैन कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। भाजपा नेता प्रेम सिंह शाक्य और सपा विधायक ब्रजेश कठेरिया भी गांव पहुंचे। सभी ने ग्रामीणों को समझाया। कड़ी कार्रवाई का भरोसा देने पर परिजन अंतिम संस्कार करने की बात पर मान गए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस और जेल प्रशासन, दोनों बैकफुट पर आ गए। शहर कोतवाली में मृतक के चाचा तिलक सिंह की तहरीर पर दारोगा सोहनपाल और जेल प्रशासन के विरुद्ध धारा 386, 304 और 504 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तिलक सिंह ने दारोगा सोहन पाल पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप भी लगाया है। मामले में आरोपित दारोगा को निलंबित कर दिया गया है।
- किसने दी थी थर्ड डिग्री?
छोटेलाल के साथ मारपीट कहां और किसने की, यह पहेली बना हुआ है। पुलिस की ओर से अनाधिकृत रूप से सवाल उठाया जा रहा है कि जेल भेजने से पहले आरोपित का मेडिकल हुआ था। इसमें छोटेलाल को कोई चोटें नहीं दर्शाई गई थीं। इस हिसाब से पुलिस प्रशासन का सीधा इशारा जेल के अंदर मारपीट होने की ओर है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह सवाल मामले को दबाने के लिए उठाया जा रहा है।
- पुलिस के कराए मेडिकल पर भी सवाल:
पुलिस द्वारा जेल भेजने से पहले कराए गए मेडकिल पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मेडिकल से पहले आरोपित का अंगूठा निशान ही नहीं लिया गया। नियमानुसार अंगूठा लगवाना जरूरी होता है। इससे यह पता चल सके कि मेडिकल संबंधित व्यक्ति का ही कराया गया है। - जेल में भी हुई थी मारपीट:
सूत्रों के मुताबिक जेल पहुंचने के बाद छोटेलाल की अंदर मारपीट होने की पुष्टि जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग से हुई है। जेल में पहुंचने के बाद कुछ बंदियों से झड़प हुई थी। हालांकि जेल प्रशासन का दावा है कि बंदी बार-बार गेट की ओर भागने का प्रयास कर रहा था। इसी कारण मामूली मारपीट हुई। अधिकारी बोले
जेल में छोटेलाल अन्य बंदियों से उलझ गया था। इस कारण उसे एकांत में रखा गया था। यहां ऐसी कोई मारपीट नहीं हुई, जिससे किसी की जान जा सके।
हरीओम शर्मा, जेल अधीक्षक मैनपुरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। जांच में जो भी साक्ष्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
अजय शंकर राय, एसपी मैनपुरी