मजबूरी का भी खूब लगा था मोल
कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग के सामने सुविधाओं का संकट खड़ा हो गया था। एंबुलेंस तो थीं लेकिन मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे भी कम पड़ने लगी थीं। इसका फायदा प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने उठाया और मनमानी शुरू कर दी थी। इमरजेंसी के बाहर से बेखौफ होकर मरीजों को ढोया जा रहा था। इतना ही नहीं मजबूरी का फायदा उठाकर मरीजों और शवों को ले जाने के लिए मनमाने दाम वसूले जा रहे थे। मनमानी की जानकारी होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने प्राइवेट एंबुलेंस के लिए नियम निर्धारित कर किराया भी तय कर दिया था।
जासं, मैनपुरी: कोरोना की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग के सामने सुविधाओं का संकट खड़ा हो गया था। एंबुलेंस तो थीं, लेकिन मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि वे भी कम पड़ने लगी थीं। इसका फायदा प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने उठाया और मनमानी शुरू कर दी थी। इमरजेंसी के बाहर से बेखौफ होकर मरीजों को ढोया जा रहा था। इतना ही नहीं, मजबूरी का फायदा उठाकर मरीजों और शवों को ले जाने के लिए मनमाने दाम वसूले जा रहे थे। मनमानी की जानकारी होने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने इस मामले पर संज्ञान लिया था। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने प्राइवेट एंबुलेंस के लिए नियम निर्धारित कर किराया भी तय कर दिया था। व्यवस्था न बिगडे़ इसके लिए उप जिलाधिकारी को भी संचालन पर नजर रखने के लिए कहा गया था। अब तीसरी लहर में ऐसे हालात न बनें, इसके लिए पहले से ही प्रबंध कराए जा रहे हैं। सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि सभी प्रकार के प्रबंध कराए गए हैं। हर विषम स्थिति से निपटने के लिए हम तैयार हैं। ये है स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था
सीएमओ का कहना है कि हमारे पास जिले में 54 एंबुलेंस हैं। यदि तीसरी लहर आती है तो इनमें से दो एएलएस एंबुलेंस को इमरजेंसी के लिए रखा जाएगा, जिसमें बेहद गंभीर मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट पर हायर सेंटर पहुंचाया जाएगा। दो एंबुलेंस एल-2 आइसोलेशन अस्पताल के बाहर तैनात रहेंगी। जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर भी दो एंबुलेंस को रखा जाएगा। इसके अलावा सभी सीएचसी पर एक-एक एंबुलेंस का प्वाइंट बनाया जाएगा। कमी पड़ी तो मांगेंगे प्राइवेट अस्पतालों की मदद
सीएमओ का कहना है कि पहले तो हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। यदि फिर भी आवश्यकता पड़ती है तो जिले में संचालित होने वाले प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों से मदद मांगी जाएगी। आइएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के पदाधिकारियों और चिकित्सकों से भी इस संबंध में बात हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर सभी स्वास्थ्य विभाग की मदद करेंगे। ये है वर्तमान स्थिति
एंबुलेंस, संख्या
102 एंबुलेंस, 30
108 एंबुलेंस, 20
एएलएस एंबुलेंस, चार