आवगंगा नदी के सुंदरीकरण का काम दस जून तक हो पूरा
मनरेगा उपायुक्त पीसी राम ने मौके पर काम देखा और श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। नदी पर ग्राम पंचायत के जरिये दो डैम बनाए जाएंगे जिससे पानी सहेजा जाएगा।
जासं, मैनपुरी: जल संरक्षण के लिहाज से खास बन चुकी आवगंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं। नदी की खोदाई और सुंदरीकरण का काम 10 जून तक पूरा कराने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया है। मनरेगा उपायुक्त ने नदी के काम को जल्द पूरा कराने के लिए बीडीओ बरनाहल को निर्देश दिए।
जिले से निकलने वाली आवगंगा नदी विलुप्त होने के कगार पर थी। नदी की राह को किसानों ने रोककर उसकी जमीन को खेतों में मिला लिया था। पानी नहीं आने से इस जमीन पर खेती भी होने लगी थी। सीडीओ ईशा प्रिया ने नदी के सुंदरीकरण का खाका खींचा तो कब्जे हटवाने के लिए राजस्व विभाग को साथ जोड़ा। जिले के बरनाहल और करहल ब्लाक से निकलने वाली इस नदी को नया जीवन देने के लिए राजस्व विभाग ने कब्जों को चिन्हित किया और किसानों को जल संरक्षण के लिए होने वाल काम में सहयोग के लिए प्रेरित किया। पानी का महत्व समझकर किसानों ने नदी की जमीन को छोड़ दिया। अब इस नदी को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए काम चल रहा है। इसकी खोदाई कराई जा रही है, ताकि नदी अपने स्वरूप में दिखाई दे।
शुक्रवार को उपायुक्त मनरेगा पीसी राम ने नदी पर गांव शहबाजपुर में चल रहे खोदाई काम को देखा। यहां 22 मनरेगा श्रमिक काम करते मिले। इस पर उन्होंने बीडीओ प्रहलाद सिंह को श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर काम को दस जून तक पूरा कराने को कहा। इसके अलावा उन्होंने नवाटेढ़ा में तालाब सुंदरीकरण कार्य को भी देखा, यहां 34 श्रमिक काम पर मिले।
नदी पर बनाए जाएंगे दो डैम
आव गंगा नदी पर दो छोटे डैम भी बनाए जाएंगे। एक डैम नदी के सैंगर नदी से मिलने वाले स्थान से पहले और दूसरा नदी के मध्य में बनेगा। सीडीओ ईशा प्रिया ने बताया कि डैम बनाने का काम ग्राम पंचायत से होगा। इससे पशुओं, किसानों लाभ होगा।
बीते साल से हो रहा काम
आवगंगा नदी को सहेजने का काम बीते साल से चल रहा है। अब बारिश से पहले नदी पुराने स्वरूप में जल्द ही नजर आएगी। दोनों ब्लाक में मनरेगा श्रमिकों के योगदान से अब काम तेजी पर है।