सूरज की रोशनी से समूह से जुड़ी महिलाएं चमकाएंगी किस्मत
बिजली की कटौती अब देश के कर्णधारों की राह में कांटा नहीं बनेगी। सरकार ब्लाक स्तर पर सोलर लैंप का निर्माण करने जा रही है। इन सोलर लैंपों से जहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की किस्म का सितारा चमकेगा, तो वहीं देश के भावी कर्णधारों की राह में उजाला बिखरा नजर आएगा।
मैनपुरी (जागरण संवाददाता) । बिजली की कटौती के कारण अंधेरा विद्यार्थियों को पढ़ाई बाधा नहीं बनेगा। सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों से ब्लाक स्तर पर सोलर लैंप का निर्माण कराने जा रही है। इन्हें रियायती दर पर स्कूलों में छात्र-छात्राओं को बेचा जाएगा। इन सोलर लैंपों से जहां स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की किस्म चमकेगी, वहीं छात्रों को रात में पढ़ने के लिए संसाधन मुहैया होगा।
जिले के सभी विकास खंड क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली 23 न्याय पंचायतों में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिले में गठित सक्रिय एवं सशक्त महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशासन चिह्नित कर रहा है। शासन-प्रशासन की मंशा ब्लाक स्तर पर ऐसी महिलाओं का चयन करना है, जिन्हें तकनीकी ज्ञान देकर उनसे सोलर लैंप का निर्माण कराया जा सके। इसके साथ ऐसी महिलाओं का भी चयन किया जाएगा, जिनको मार्के¨टग में रुचि हो। ताकि वह सोलर लैंप मार्केट में बेच सकें। मिशन मैनेजर हरप्रसाद गौतम ने जल्द ही इस योजना को चालू करने की बात कही है। स्कूलों में होगी सोलर लैंप की बिक्री
कक्षा एक से 12 तक के विद्यार्थियों को उनकी कक्षा में ही सोलर लैंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए उन्हें महज 100 रुपये खर्च करने होंगे, लेकिन विद्यार्थी के पास आधार कार्ड या परिचय पत्र होना अनिवार्य है। वहीं खुले बाजार में भी समूह ऑर्डर लेकर बिक्री कर सकेगा। लक्ष्य बड़ा, लेकिन मुनाफे से भरा
महिला स्वयं सहायता समूहों को सूरज की रोशनी से संचालित होने वाली 40 हजार सोलर लैंप बनाने का लक्ष्य दिया गया है। प्रत्येक लैंप बनाने पर 12 और बिक्री पर 17 रुपये महिलाओं को दिए जाएंगे। इसके बाद का मुनाफा फील्ड आफीसर, सुपरवाइजर, कंप्यूटर ऑपरेटर और गार्ड को दिया जाएगा। बाजार में कीमत सात सौ रुपये
जिन सोलर लैंप को स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनाकर बेचेंगी, उनकी बाजार में कीमत 700 रुपये प्रति लैंप होगी। लेकिन विद्यार्थियों को इस लैंप पर 600 रुपये की छूट दी जाएगी। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब सोलर लैंप बनाने का काम करेंगी। इसके लिए शासन से निर्देश प्राप्त हो गए हैं। इन महिलाओं को प्रशिक्षण देकर काम कराया जाएगा। जिले में इसके लिए 40 हजार लैंपों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रंजीत ¨सह, डीसी एनआरएलएम