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बारदाना है नहीं, खुले में पड़ा गेंहू

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: अन्नदाताओं को उपज का सही दाम दिलाने के लिए शासन ने समर्थन मूल्य पर गेहूं ख

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 11:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jun 2018 11:09 PM (IST)
बारदाना है नहीं, खुले में पड़ा गेंहू
बारदाना है नहीं, खुले में पड़ा गेंहू

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: अन्नदाताओं को उपज का सही दाम दिलाने के लिए शासन ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद शुरू की थी। इस बार गेहूं की फसल की बिक्री करके किसानों की कुछ न कुछ समस्याएं तो दूर हो ही जाएंगी। लेकिन हाल ये हुआ कि अन्नदाताओं की उपज खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है। क्रय केंद्रों पर बारदाना न होने की बात कहकर गेहूं खरीदने से मना कर दिया जाता है। ऐसे में किसानों की मेहनत मंडी में नीलाम हो रही है।

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शुक्रवार को गांव बुढ़र्रा निवासी राजेंद्र ¨सह औंछा स्थित साधन सहकारी समिति के गेहूं क्रय केंद्र पर एक ओर बैठे थे। पास में ही गेहूं का ढेर लगा हुआ था। जब 'जागरण' ने उनसे पूछा कि क्या वे गेहूं बेचने के लिए क्रय केंद्र पर आए हैं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। दोबारा पूछने पर चुप्पी तोड़ते हुए बोले, दस दिन पहले आए थे गेहूं बेचने के लिए, लेकिन आज तक यहीं हैं। केंद्र पर बारदाना नहीं है, जिसके कारण खरीद नहीं हो पा रही है। केंद्र पर अन्य किसानों का हाल भी कुछ ऐसा ही था। इतना ही नहीं अब तक जो गेहूं खरीदा गया था वह भी खुले में ही रखा हुआ था। वहीं जिन किसानों को गेहूं इन केंद्रों पर बिक्री के लिए पड़ा हुआ है, उन्हें भी ¨चता सता रही है। रोजाना आसमान में बादल छा रहे हैं। अगर बारिश होती है तो ये पूरा गेहूं बर्बाद हो जाएगा।

जिले में गेहूं खरीद के लिए 81 क्रय केंद्र खोले गए थे। एक अप्रैल से इन केंद्रों पर गेहूं की खरीद शुरू हुई थी। सरकार ने जब गेहूं का समर्थन मूल्य 1735 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित किया तो किसानों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन कुछ दिनों में ही क्रय केंद्रों पर बारदाना का टोटा पड़ गया। इससे गेहूं खरीद प्रभावित हो गई। वहीं कुसमरा, कुरावली, नौनेर, आलीपुर खेड़ा समेत अन्य कई क्रय केंद्रों पर भी बारदाना न होने के चलते खरीद रुकी हुई है। इसका सीधा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें मजबूरन गेहूं बिक्री के लिए मंडी का रुख करना पड़ रहा है। मंडी में उनकी उपज की बोली लगाई जाती है। क्रय केंद्रों पर जहां गेहूं 1735 रुपये प्रति कुंतल बिक रहा है तो वहीं मंडी में महज 1520 रुपये प्रति कुंतल से ही किसानों को संतोष करना पड़ रहा है। ऐसे में उनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं। अधिकारी कहिन

सभी क्रय केंद्रों से गेहूं का उठान किया जा रहा है। बारदाना आ गया है, जल्द ही केंद्रों पर पहुंचा दिया जाएगा।

नंदकिशोर, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, मैनपुरी। किसानों की बात

सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए गेहूं क्रय केंद्रों की शुरुआत कराई थी। लेकिन वास्तव में केंद्रों पर कई दिनों से गेहूं की खरीद ही नहीं हो रही है। किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

विजयपाल ¨सह, नगला पीपल। किसान कई दिनों से क्रय केंद्र पर पड़े हुए हैं। अब तक बारदाना न होने के चलते उनके गेहूं की तौल नहीं हो सकी है। अगर वे इस गेहं को बिक्री के लिए मंडी ले जाते हैं तो उन्हें भाड़ा अपनी जेब से देना होगा।

रामनाथ ¨सह, अकबरपुर औंछा। क्रय केंद्रों पर उन्हीं लोगों का गेहूं खरीदा जा रहा है तो जिनकी जुगाड़ है। आम किसान तो यहां से वहां चक्कर लगा रहा है। कहीं बारदाना न होने की बात कह दी जाती है तो कहीं कोटा पूरा होने की बात कह दी जाती है।

राकेश मिश्रा, औंछा। क्रय केंद्रों पर किसानों का जो गेहूं पड़ा है, वह बारिश में कभी भी भीग सकता है। इसके बाद न तो क्रय केंद्र पर वो गेहूं खरीदा जाएगा और न ही कोई मंडी में इसकी बिक्री होगी। ऐसे में किसान क्या करेंगे।

रमेश चंद्र, अचलपुर।


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