Move to Jagran APP

औरों की आह पर मरहम, खुद उफ तक न की

स्टाफ नर्स शीबा मसीह ने कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल और घर को बखूबी संभाला। कोविड संक्रमित ससुर और फिर सास का निधन होने के बाद खुद भी क्वारंटीन रहना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 04:07 AM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 04:07 AM (IST)
औरों की आह पर मरहम, खुद उफ तक न की
औरों की आह पर मरहम, खुद उफ तक न की

वीरभान सिंह, मैनपुरी: ससुर-सास, जेठ-जेठानी और पति कोरोना संक्रमित। इनकी सेवा करनी है, और खुद के साथ ही दो बच्चों को भी संक्रमण से बचाना है। कोरोना काल में ही अस्पताल से छुट्टी कतई संभव नहीं थी। जरा कल्पना करिए! एक महिला ने उस दौर को कैसे गुजारा होगा। वो भी तब, जब इसी दौर में ससुर और फिर सास का निधन हो गया। उसने न केवल घर संभाला, बल्कि अस्पताल में नियमित नौकरी भी की। अस्पताल में औरों की हर आह पर मरहम लगातीं रहीं, लेकिन अपने जख्मों से उठते दर्द पर उफ तक नहीं की।

loksabha election banner

यही तो नारी शक्ति है। कभी अबला भले ही कही जाती हो, मगर जिला महिला अस्पताल में स्टाफ नर्स शीबा मसीह ने इसे झुठला दिया है। शहर के क्रिश्चियन कंपाउंड निवासी शीबा मसीह कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल के डिलीवरी रूम में ड्यूटी कर रही थीं। इसी बीच ससुर प्रकाश मसीह कोरोना संक्रमित हो गए। गंभीर स्थिति देख ससुर को सैफई अस्पताल में भर्ती कराया। 12 जून 2020 को उनका निधन हो गया। इधर, पति नमित मसीह और जेठ-जेठानी भी कोरोना संक्रमित हो गए। शीबा मसीह ने भी खुद को क्वारंटीन कर लिया। हंसता-खिलखिलाता संयुक्त परिवार दहशत में आ गया। तब, शीबा मसीह ने धैर्य रखा। क्वारंटीन अवधि पूरी होते ही घर को संभाला और अस्पताल में ड्यूटी नियमित की। ड्यूटी का शेडयूल बदला

शीबा मसीह बताती हैं कि वो दौर बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। घर के हालात बताकर अस्पताल में अपनी ड्यूटी का शेडयूल दिन का करा लिया था। दिन भर मरीजों की तीमारदारी करती, फिर घर लौटकर स्वजन की सेवा करती। कुछ हालात संभल पाए थे कि 15 नवंबर 2020 को सास टी मसीह ने भी दम तोड़ दिया। एक बार फिर परिवार विचलित हो गया था। अस्पताल में जवाबदेही तो घर पर जिम्मेदारी

शीबा मसीह कहती हैं कि अस्पताल की जिम्मेदारी के साथ घर और दो छोटे बच्चों की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर थी। बतौर नर्स उनकी अपने मरीजों के प्रति जवाबदेही है और एक मां के रूप में बच्चों के प्रति। अस्पताल में अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश की, पति नमित के सहयोग से परिवार की जिम्मेदारी निभाई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.