कछपुरा पाठशाला की दीवारों से शिक्षण का अहसास
अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में आधुनिक इंतजामों से शिक्षण होता है तो दीवारें भी शिक्षा का अहसास कराती हैं। 32 विद्यार्थी तो बेहतर शिक्षण की वजह से डीएम के हाथों सम्मान भी हासिल कर चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण को पहल होती है।
संसू, अजीतगंज: अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में आधुनिक इंतजामों से शिक्षण होता है तो दीवारें भी शिक्षा का अहसास कराती हैं। 32 विद्यार्थी तो बेहतर शिक्षण की वजह से डीएम के हाथों सम्मान भी हासिल कर चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण को पहल होती है।
कुछ ऐसा ही विकासखंड जागीर क्षेत्र के गांव कछपुरा की बेसिक पाठशाला में दिखता है। अप्रैल 2018 में इस पाठशाला को अंग्रेजी माध्यम में तब्दील किया गया। इससे पहले यहां 140 विद्यार्थी पंजीकृत थे। आज शिक्षण और शिक्षकों की प्रेरणा से विद्यार्थियों की संख्या 265 हो चुकी है। पाठशाला के विद्यार्थी ब्लाक और जिला स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान हासिल कर चुके हैं। शिक्षकों के समर्पण और अभिभावकों की मेहनत से यह अब चमन हो गया है।
प्रधानाध्यापिका अनुपम सिंह ने बताया कि विद्यालय परिसर में पर्यावरण के लिहाज से हरे-भरे पौधे लगे हैं। विद्यार्थियों की सहूलियत को एक दर्जन 12 मल्टीपल हैंड वाश भी लगाए गए हैं। विद्यालय खुलने का समय सुबह नौ बजे से हैं, लेकिन विद्यार्थी 8:30 बजे उपस्थिति दर्ज करा देते हैं। तीन साल पहले पाठशाला का भवन जर्जर था, पेड़- पौधे का अभाव था। आज पाठशाला में भरपूर हरियाली भी है। उन्होंने बताया कि विद्यालय के सभी शिक्षकों के सहयोग से दीवारों पर बाल पेंटिग की गई। सहायक अध्यापक प्रज्ञा कुमारी और सुमन लता का विद्यालय की देखरेख में खास सहयोग है।
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राज्यपाल ने रोपा था पौधा-
इसी साल तीन सितंबर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पाठशाला आई, परिसर में बने आंगनवाड़ी केंद्र का उद्घाटन कर पौधा भी रोपित किया था।
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इन्होंने भी दिया पुरस्कार-
बीते माह 15 सितंबर को महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने पाठशाला आईं। यहां इंतजाम देखकर खुश हुईं तो रसोइया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को पुरस्कृत किया था।
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खेल का भी इंतजाम-
पाठशाला में बच्चों के खेलने के लिए कई तरह के सामान मौजूद हैं। सभी कमरों में एलईडी टीवी लगे हैं पुस्तकालय भी यहां है। ग्राम सफाईकर्मी हर रोज स्वच्छता को आता है। पंचायत और अभिभावकों के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए शौचालय है, शिक्षण कक्षों व रसोई घर में टाइल्स लगे हैं। स्वच्छता के संदेश दीवारों पर अंकित हैं।