शुरुआत में ही हांफने लगी लाखों की व्यवस्था
कोरोना के तीसरे स्ट्रेन से निपटने की तैयारी तो जोरों पर हुईं लेकिन वायरस के हमले के आगे अब इंतजाम नाकाफी साबित होने लगे हैं। लाखों की लागत से बनवाई गई आरटी-पीसीआर लैब सैंपलों की जांच में हांफने लगी है। ज्यादातर सैंपलों को आगरा की लैब में भेजा जा रहा है।
जासं, मैनपुरी: कोरोना के तीसरे स्ट्रेन से निपटने की तैयारी तो जोरों पर हुईं, लेकिन वायरस के हमले के आगे अब इंतजाम नाकाफी साबित होने लगे हैं। लाखों की लागत से बनवाई गई आरटी-पीसीआर लैब सैंपलों की जांच में हांफने लगी है। ज्यादातर सैंपलों को आगरा की लैब में भेजा जा रहा है।
संक्रमण से जूझने और मरीजों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल परिसर में ही आरटी-पीसीआर लैब स्थापित कराई गई। लगातार कहा जा रहा था कि अब जिले के लोगों के सैंपलों की जांच इसी लैब में कराई जाएगी। शुरुआत में तो मशीनें बेहतर ढंग से सुविधा दे रही थीं, लेकिन संक्रमण बढ़ने के साथ मशीनें भी कारगर साबित नहीं हो पा रही हैं।
असल में लैब में सैंपलों की वर्तमान क्षमता 200 है, जबकि प्रतिदिन जिले से लगभग 800 से एक हजार सैंपल आरटी-पीसीआर जांच के लिए लिए जा रहे हैं। ऐसे में सैकड़ों सैंपलों को प्रतिदिन जांच के लिए आगरा की लैब में भेजा जा रहा है। इसकी वजह से मरीजों को 24 से 48 घंटों तक अपनी रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है। आगे और गहराएगी समस्या
कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिग के निर्देश दिए गए हैं। एंटीजेन की बजाय आरटी-पीसीआर जांच करने को ही कहा जा रहा है। आगरा की लैब में सैंपलों की संख्या बढ़ने की वजह से रिपोर्ट के आने में और भी ज्यादा लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। मरीजों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सैंपलिग की संख्या बढ़ाने पर मंथन चल रहा है। हम जल्द ही अपनी लैब की क्षमता बढ़ाएंगे। फिलहाल आगरा से चौबीस घंटों के अंदर ही रिपोर्ट मंगाने का प्रयास किया जा रहा है।
डा. पीपी सिंह, सीएमओ