निश्शुल्क योजनाओं से नहीं, रोजगार से बनेगी बात
गुरुवार सुबह नौ बजे यह बस अब आगरा को पीछे छोड़ने को हुई तो उस सवारी से नाम पूछ लिया। वह मैनपुरी के मुहल्ला अग्रवाल के राकेश गुप्ता थे जो जरूरी काम को पूरा करने के बाद लौट रहे थे। गलन और शीत की वजह से बस में यात्री भी कम थे। इसी के साथ चुनावी चर्चा शुरू हो गई। फर्रुखाबाद के दिनेश वर्मा ने चुनाव लड़ रहे दलों की लुभावनी योजनाओं का बखान किया तो पास बैठे बेबर के अमन कुमार बोले तीन सौ यूनिट फ्री बिजली स्कूटी और राशन आदि से किसका भला होगा।
श्रवण शर्मा, मैनपुरी:
टिकट-टिकट, अब बस में ऐसी कोई सवारी तो नहीं है, जिसका टिकट नहीं बना हो। परिचालक की यह आवाज सुनकर आगरा पार हो रही फर्रुखाबाद डिपो की बस में एक यात्री बोला, मेरा टिकट बनाओ। परिचालक ने कहां का, सवारी कहने लगी विधानसभा का। परिचालक ने कहा मजाक मत करो, स्थान बताओ। इस पर सवारी बोली, मैनपुरी की बना दो।
कुछ इस बात के साथ गुरुवार सुबह नौ बजे यह बस अब आगरा को पीछे छोड़ने को हुई तो उस सवारी से नाम पूछ लिया। वह मैनपुरी के मुहल्ला अग्रवाल के राकेश गुप्ता थे, जो जरूरी काम को पूरा करने के बाद लौट रहे थे। गलन और शीत की वजह से बस में यात्री भी कम थे। इसी के साथ चुनावी चर्चा शुरू हो गई। फर्रुखाबाद के दिनेश वर्मा ने चुनाव लड़ रहे दलों की लुभावनी योजनाओं का बखान किया तो पास बैठे बेबर के अमन कुमार बोले, तीन सौ यूनिट फ्री बिजली, स्कूटी और राशन आदि से किसका भला होगा। युवाओं को इससे कोई वास्ता नहीं, वह तो केवल रोजगार चाहता है। ऐसी योजनाओं से केवल वोट तो बनाए जा सकते हैं, लेकिन भला किसी का नहीं हो सकता। वैसे, भी यह चुनावी बातें हैं, रोजगार पर तो कोई दल नहीं बोल रहा है।
उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए छिबरामऊ निवासी वीरेंद्र कुमार कहने लगे गए, आयकर तो नेता नहीं भरते। आयकर जो भरता है, उससे पूछकर देसी लुभावनी बातों को बनाकर लागू करना चाहिए। पैसा तो आयकर से भी मिलता है, फिर उनको इससे क्यों वंचित रखा जाता है। रोजगार भी तो जरूरी है, आज इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसी दौरान घिरोर के राजकुमार ने योजनाओं को चुनावी हथकंडा करार दिया तो बेवर के राहुल ने बात को मोड़ते हुए कहा कि सरकार किसी की आए, बात केवल शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ही होनी चाहिए।
बस तमाम मुद्दों को समेटते हुए शिकोहाबाद से मैनपुरी और अन्य स्थानों की सवारियों को लेकर तीन-चार किमी. आगे निकली तो चालक ने अचानक ब्रेक लिए। सवारियों ने उससे बस को सही से चलाने को कहा तो वह बोला सांड आ गया था। अब सवारियों के बीच यह गोवंशी मुद्दा बन गया। जितेंद्र कुमार कहने लगे कि यह अब काफी हो गए हैं, गोशाला में भी नहीं रखे जा रहे हैं। समस्या बन रही हैं। इस पर महिला राजवती कहने लगी कि फसल को खा रहे हैं तो अन्य इस पर तर्क देने लगे। इसका अंत पालकों की समस्या करार देने के साथ हुआ। इस दौरान बस घिरोर से सवारी लेने के बाद मैनपुरी को स्पीड पकड़ चुकी थी। तभी मैनपुरी के राकेश गुप्ता ने परिचालक से पूछा कि बस क्या बस स्टेशन जाएगी तो परिचालक महेश कहने लगे, नहीं ईशन पुल पर उतारेंगे। इस पर राकेश ने कहा कि पांच साल भी यह समस्या दूर नहीं हो सकी। किराया देने के बाद भी ई-रिक्शा से जाएंगे। ईशन पर मैनपुरी को सवारियों को उतारने और यही मौजूद आगे की सवारियों को लेने के बाद बस आगे को चली गई।