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टंकी से दूषित पानी की सप्लाई

बेवर (मैनपुरी): ये पानी की समस्या का काला सच है। यहां नगर पंचायत से दूषित पान की आपूर्ति की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 10:10 PM (IST)
टंकी से दूषित पानी की सप्लाई
टंकी से दूषित पानी की सप्लाई

संवाद सूत्र, बेवर (मैनपुरी): ये पानी की समस्या का काला सच है। यहां नगर पंचायत से पानी आपूर्ति को कस्बे में पाइप लाइन बिछाई गई और टंकी से आपूर्ति भी की जाती है। लेकिन पाइप लाइन की हालत ये है कि वह जगह-जगह चोक हैं। ऐसे में घरों में दूषित पानी की आपूर्ति होती है। मजबूरी में लोगों को पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है।

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बेवर कस्बे की आबादी 25 हजार के आसपास है। आबादी को शुद्ध पानी मिल सके इसके लिए चार टंकियां बनवाई गईं हैं। कस्बे में पाइप लाइन भी बिछाई गई, लेकिन पाइप लाइन इतनी पुरानी है कि कई स्थानों से रिसाव होता है। ऐसे में मिट्टी व अन्य गंदगी भी पानी के साथ घरों तक पहुंच रही है। कस्बावासी नगर पंचायत से आपूर्ति वाला पानी अन्य कामों में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन पीने के लिए पानी खरीदना पड़ता है। शुद्ध पानी की मांग को देख पानी का कारोबार भी बढ़ गया है। बीते पांच साल में कस्बे में तीन प्लांटों से पानी की बिक्री की जा रही है। औसतन 90 फीसद घरों में पीने का पानी खरीदा जा रहा है। कस्बे में करीब 3000 हैंडपंप भी लगे हैं, लेकिन इनमें भी अधिकांश हैंडपंप में पानी गंदा आता है।

क्या कहती हैं अध्यक्ष

पाइप लाइन काफी पुरानी हैं। इसलिए दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। पाइप लाइन जल्द ही बदलवा दी जाएंगी। 100 नए हैंडपंप की मांग शासन से की गई है। इससे पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

सुनीति गुप्ता, अध्यक्ष नगर पंचायत।

क्या कहते हैं लोग

घरों में नगर पंचायत से शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं होती है। लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। एक-एक घर में करीब दो कैंपर पानी जाता है। घरों में पानी का खर्च ही बढ़ रहा है।

विमल शर्मा, व्यापारी।

प्रत्येक परिवार को हर माह करीब एक हजार रुपये का पानी पीने के लिए खरीदना पड़ रहा है। ये हाल तब है जबकि लोग नगर पंचायत को वाटर टैक्स भी देते हैं, लेकिन साफ पानी का इंतजाम नहीं हो सका।

शमशाद अली, व्यापारी।

शुद्ध पानी नहीं मिलेगा तो लोगों को दिक्कत होगी। नगर पंचायत क्षेत्र में दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है। खरीदकर पानी पीने में परिवार का बजट भी गड़बड़ा रहा है।

हरदीप यादव, अधिवक्ता।

जब लोग वाटर टैक्स देते हैं तो फिर उन्हें शुद्ध पानी देना भी नगर पंचायत की जिम्मेदारी है। लेकिन इस ओर गंभीर प्रयास नहीं हो रहे हैं। कई-कई दिन तक लगातार दूषित पानी की आपूर्ति होती है।

शिवराज ¨सह राजपूत, स्थानीय नागरिक


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