अनाड़ियों के हाथों में गाड़ियों की स्टिय¨रग
सड़क पर वाहन दौड़ाने के लिए भी नियम हैं, मगर यहां इनका मखौल उड़ रहा है। इसकी वजह है बगैर परीक्षण के ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होना।
मैनपुरी : सड़क पर चलने वालों के लिए भी बाकायदा नियम बने हुए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी है, लेकिन जिले में सभी नियम ताक पर हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों में सबसे आगे युवा वर्ग है। हेलमेट न लगाने और सीट बेल्ट न बांधने वालों की भीड़ में बड़ी संख्या ऐसे नाबालिगों की भी है जो वाहनों की स्टिय¨रग थाम सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए न तो अभिभावकों पहल करते हैं और न ही सड़क सुरक्षा के पहरेदार। स्थिति यह है कि आए दिन अनाड़ी हाथों में दौड़ रहे वाहन राहगीरों को चोटिल कर रहे हैं।
ड्राइ¨वग लाइसेंस को ये है योग्यता
ड्राइ¨वग लाइसेंस के लिए चालक की आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होना जरूरी है। ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक को लाइसेंस जारी करने से पहले परीक्षा से गुजरना होता है। इसमें सड़क नियमों की जानकारी के अलावा तमाम प्रकार के चिन्हों का ज्ञान भी परखा जाता है। बाद में आवेदक से दुपहिया या चार पहिया वाहन को चलवाकर उसकी दिमागी क्षमता का परीक्षण किया जाता है। झपकी का झपट्टा लील रहा ¨जदगी
ज्यादा कमाने की चाह में अधिकांश चालक कई-कई घंटे बिना रुके और आराम किए गाड़ी चलाते हैं। कई घंटों तक गाड़ी चलाने का परिणाम यह होता है कि दिमाग पूरी तरह से थक जाता है। स्थिति यह होती है कि कई बार चालक को थकान की वजह से नींद आ जाती है या फिर झपकी आ जाती है। ऐसे में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक अथवा उसमें बैठी सवारियों की ¨जदगी भी खतरे में पड़ जाती है। किन बातों का रखें ख्याल
- गाड़ी चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें।
- लगातार कई घंटों तक गाड़ियां न चलाएं।
- नाबालिग के हाथों में वाहनों की स्टिय¨रग न पकड़ाएं। बोले लोग
परिवहन विभाग द्वारा लाइसेंस बनाने में मनमानी बरती जाती है। कई ऐसे नाबालिगों के लाइसेंस जारी कर दिए जाते हैं जिनकी उम्र भी पूरी नहीं होती है। ऐसे चालकों की वजह से कई हादसे भी होते हैं।
राजीव यादव, आवास विकास कॉलोनी। समय-समय पर वाहन चालकों की परीक्षा आयोजित कराई जानी चाहिए। जिसमें सड़क सुरक्षा से संबंधित नियम और दिशाओं के संकेतों का ज्ञान परखा जाना चाहिए।
संजय पांडेय, बागवान। यातायात पुलिस कर्मियों की भी जवाबदेही है कि नाबालिग वाहन चालकों का वाहन चलाने से रोकें। ऐसे वाहनों का चालान कर शमन शुल्क भी वसूला जाए।
सुरेंद्र कुमार वर्मा, करहल रोड। सीट बेल्ट और हेलमेट को अनिवार्य किया जाना चाहिए। इनका पालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराई जानी चाहिए। अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है।
विजेंद्र ¨सह, मुहल्ला अग्रवाल।