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साहब, जिदा हूं मैं, अभी मरा नहीं, आप चाहो तो मेरी पड़ताल करा लो..

जमीन कब्जाने के लिए खतौनी में दर्शा दिया मृत खुद को जिदा साबित करने को भटक रहा फरियादी दबंगों पर जमीन कब्जाने का आरोप बच्चों संग कलक्ट्रेट पहुंची पत्नी ने लगाई मदद की गुहार।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 06:28 AM (IST)
साहब, जिदा हूं मैं, अभी मरा नहीं, आप चाहो तो मेरी पड़ताल करा लो..
साहब, जिदा हूं मैं, अभी मरा नहीं, आप चाहो तो मेरी पड़ताल करा लो..

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। 'साहब, मैं प्रेमचंद हूं। ये मेरी पत्नी और बच्चे हैं। सच कह रहा हूं, मैं जिदा हूं साहब। आप चाहो तो मेरी पड़ताल करा लो। 2016 से एक अदद छत और सरकारी मदद के लिए सरकारी चौखटों पर मत्था टेक रहा हूं। मदद तो मिली नहीं, उल्टा मुझे मुर्दा साबित कर दिया। जालसाजी से मेरी पांच बीघा जमीन भी हड़प ली। जिम्मेदारों ने भी तफ्तीश नहीं कराई। खतौनी पर मुझे मुर्दा दर्शा मेरे हिस्से की जमीन से मेरे वारिसों को बेदखल कर दूसरों के नाम शामिल कर दिए। अब अपने जिदा होने का कौन सा प्रमाण दूं।'

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ये सरकारी मशीनरी से परेशान प्रेमचंद्र पुत्र स्व. रामकिशन की व्यथा है। सोमवार को पत्नी राधा और बच्चों के साथ दस्तावेजों को हाथ में लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे पीड़ित ने बताया कि वह गांव मिशुरपुर ग्राम पंचायत हिदूपुर तहसील किशनी का रहने वाला है। बताया कि पिता की मृत्यु के बाद खाता संख्या 00074 में उनका नाम शामिल हो गया था। उनके हिस्से में लगभग पांच बीघा जमीन दर्ज थी। आरोप है कि कुछ दबंगों ने लेखपाल से मिलीभगत से उसे मृत दर्शाकर उसके नाम के आगे प्रेमचंद उर्फ लालू लिखकर जमीन फर्जी ढंग से दबंगों के नाम लिख दी। जबकि लालू पुत्र स्व. राधेश्याम की तो वर्ष 2016 में ही मृत्यु हो चुकी है। इस लालू की मौत हुई थी, उसका नाम प्रेमचंद्र नहीं था। पीड़ित का कहना है कि दस्तावेजों में उसे मृत दर्शाए जाने की वजह से उसकी पत्नी और बच्चों को भी समस्या हो रही है। पीड़ित का आरोप है कि वह अपने जिदा होने के सभी दस्तावेज लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। पीड़ित ने सोमवार को जिलाधिकारी से मदद की गुहार लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है। पत्नी ने महिला आयोग से लगाई गुहार

राधा देवी पत्नी प्रेमचंद ने महिला आयोग को भेजे पत्र में शिकायत करते हुए बताया कि गांव के ही पपली, टिल्लू और सर्वेश आए दिन घर में घुसकर मारपीट करते हैं और गांव से भागने को विवश करते हैं। बच्चों तक को नहीं छोड़ रहे हैं। आरोप है कि सात सितंबर को विरोध करने पर उनके पति प्रेमचंद को भी मारपीटकर चोटिल कर दिया था। आरोप है कि थाने में भी सुनवाई नहीं हो रही है। मामले की जानकारी कराई जाएगी। दस्तावेजों की जांच कराने के बाद पीड़ित का पक्ष भी सुना जाएगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

पीके उपाध्याय, डीएम।


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