कर्मचारियों की कमी से डॉक्टरों पर बढ़ा काम का दबाव
मैनपुरी जासं। संविदा पर तैनात रहे पैरामेडिकल कर्मियों की सेवा समाप्त होने के बाद अब तक नई तैनाती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने लगा है। इमरजेंसी में ड्यूटी देने वाले चिकित्सक भी अतिरिक्त काम और मरीजों की भीड़ से परेशान होने लगे हैं।
जासं, मैनपुरी : संविदा पर तैनात रहे पैरामेडिकल कर्मियों की सेवा समाप्त होने के बाद अब तक नई तैनाती की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने लगा है। इमरजेंसी में ड्यूटी देने वाले चिकित्सक भी अतिरिक्त काम और मरीजों की भीड़ से परेशान होने लगे हैं।
31 दिसंबर 2020 को यूपीएचएसएसपी से जिला अस्पताल में 2016 से तैनात रहे 33 पैरामेडिकल कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। सप्ताह भर तो कर्मचारियों ने स्वेच्छा से काम किया लेकिन वेतन भुगतान न होने की वजह से अब वे भी काम छोड़ गए हैं। अभी तक कर्मचारियों की तैनाती को लेकर लंबित चल रही प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है। ऐसे में नियमित स्टाफ नर्स और चिकित्सकों को अतिरिक्त मरीजों की मार झेलनी पड़ रही है।
सबसे ज्यादा समस्या तो इमरजेंसी में हो रही है। शनिवार को सिर्फ एक नर्स की तैनाती इमरजेंसी में कराई गई थी। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को चिकित्सकों को ही देखना पड़ रहा था। दोपहर में एक साथ कई मरीज पहुंचे तो उन्हें उपचार देने में असुविधा होने लगी। ईएमओ का कहना है कि इमरजेंसी में स्टाफ की कमी है। हमें परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं।
दोपहर में एक्स-रे और पैथोलॉजी बंद
कर्मचारियों की कमी की वजह से दोपहर दो बजे के बाद एक्स-रे और पैथोलॉजी कक्ष में ताला लटकने लगता है। इससे मरीजों को प्राइवेट सेंटरों पर लाइन लगानी पड़ती है।
कर्मचारियों की समस्या दूर करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इमरजेंसी में अतिरिक्त स्टाफ तैनात कराया जाएगा। हमारे पास जो कर्मचारी हैं उनकी मदद से मरीजों को उपचार दिलाया जा रहा है।
डॉ. आरके सागर, सीएमएस, जिला अस्पताल।