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धूमधाम से निकली शिव की बरात

श्री रामलीला कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार सायं किला बजरिया स्थित रानी साहिबा के मंदिर से भगवान भोलेनाथ की बरात निकाली गई। पं. शील नामाचार्य ने भगवान गणेश और शंकर भगवान का विधि विधान से पूजन कराया। भगवान शंकर की बरात में लगभग एक दर्जन झांकियां शामिल थीं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 04:01 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 04:01 AM (IST)
धूमधाम से निकली शिव की बरात
धूमधाम से निकली शिव की बरात

जासं, मैनपुरी: श्री रामलीला कमेटी के तत्वावधान में शुक्रवार सायं किला बजरिया स्थित रानी साहिबा के मंदिर से भगवान भोलेनाथ की बरात निकाली गई। पं. शील नामाचार्य ने भगवान गणेश और शंकर भगवान का विधि विधान से पूजन कराया। भगवान शंकर की बरात में लगभग एक दर्जन झांकियां शामिल थीं।

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भगवान शंकर की बरात मंदिर से शुरू होकर बिहारीजी मंदिर, लाल मठिया, कटरा, देवी रोड, तहसील रोड, सर्राफा बाजार, करहल रोड, भीमसेन मंदिर होती हुई देर रात्रि रामलीला मैदान पर पहुंची। शिव की बरात में काली का अखाड़ा, राधा कृष्ण का नृत्य और भगवान के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। नगर में अनेक जगहों पर नगरवासियों ने भगवान के स्वरूपों की आरती उतारकर स्वागत किया।

मंदिर में पूजन के दौरान उमेश चंद्र दुबे, कमेटी अध्यक्ष महेश चंद्र अग्निहोत्री, उपाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, अशोक गुप्ता पप्पू, कोषाध्यक्ष बीनू बंसल, मंत्री रमेश चंद्र सर्राफ, नरेंद्र राठौर, प्रशांत मिश्रा, शरद गुप्ता, नवीन सर्राफ, राजेन्द्र राठौर, सुरेंद्र सिंह चक्कर, रंजीत सक्सेना, सब्बन बाबा, अमरनाथ भारद्वाज, अंशु चौहान, कुलदीप श्रीवास्तव, मनोज चतुर्वेदी, कुलदीप सिंह, रवि श्रीवास्तव, धीरज बाबू, अम्बुज मिश्रा, यश कुदेशिया, राजेश गुप्ता मौजूद थे।

बेवर में नारद मोह की लीला का मंचन

संवाद सूत्र, बेवर: नगर में चल रहे रामलीला महोत्सव में सोमवार को नारद मोह लीला का मंचन किया गया। लीला को देख दर्शक भाव विभोर होते रहे।

रामलीला मैदान में शाम पांच बजे मंचन की शुरुआत हुई। कलाकारों ने प्रस्तुति दी कि देवर्षि महर्षि नारद पृथ्वी लोक पर घूमते-घूमते महाराज शैलनिधि के दरबार में पहुंचते हैं। वहां राजा की बेटी विश्वमोहिनी को देखकर महर्षि नारद मुनि सम्मोहित हो जाते हैं। विश्वमोहिनी का विवाह होने के लिए स्वयंवर का आयोजन किया गया था। नारद मुनि विश्व मोहिनी के सामने आते हैं तो उनका वानर का स्वरूप नजर आता है। इसका अनुभव होने पर क्रोधित होकर देवलोक में लौट जाते हैं और इस प्रकार नारद मोह की लीला संपन्न हो जाती है। इस दौरान रामलीला अध्यक्ष घनश्याम दीक्षित और रामलीला प्रबंध कमेटी के मैनेजर राजेश कुमार चतुर्वेदी उपस्थित रहे।


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