बर्खास्त शिक्षकों की अभी बहाली नहीं, सिर्फ मिलेगा वेतन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने दिए आदेश एसआइटी जांच में 39 शिक्षकों के फर्जी मिले थे बीएड अंकपत्र
जासं, मैनपुरी: एसआइटी जांच में फर्जी बीएड डिग्री के मामले में बर्खास्त किए गए शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कुछ राहत मिली है। बर्खास्त 39 शिक्षकों को फिलहाल बहाल तो नहीं किया गया है, लेकिन इसी साल जुलाई से वेतन जरूर मिलेगा। विभागीय सचिव का आदेश आने के बाद बीएसए ने वेतन जारी करने के आदेश दिए हैं।
विशेष जांच दल (एसआइटी) सूची में शामिल फर्जी बीएड अंकपत्र वाले 44 शिक्षक-शिक्षिकाओं में से 39 को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। बर्खास्तगी के खिलाफ कोर्ट पहुंचे शिक्षकों को राजेश कुमार आदि बनाम सरकार वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश हुआ है। अब इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव ने बीएसए को इसका पालन करने को कहा है।
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यह था प्रकरण-
डा. भीमराव आंबेडकर विवि के नाम की फर्जी बीएड डिग्री और अंकपत्र की जांच एसआइटी ने की थी। जांच के दौरान मैनपुरी में 77 शिक्षकों की बीएड डिग्री फर्जी पाई मिली थी। 44 शिक्षकों की बीएड डिग्री फेक और 33 की बीएड की डिग्री टेंपर्ड घोषित की गई थी। एसआइटी की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद दो साल पहले 30 नंवबर को 77 शिक्षक-शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त कर दी गई थी।
तत्कालीन बीएसए विजय प्रताप सिंह ने इसी साल 26 फरवरी इनको बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद 33 टेंपर्ड शिक्षकों को जांच पूरी होने तक बिना वेतन काम करने को कहा। सेवा से बाहर किए गए 44 में से 39 फेक बीएड डिग्री धारक शिक्षक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी होने तक उन्हें सेवा में रखने और इसी साल जुलाई से वेतन देने के निर्देश दिए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 39 शिक्षकों को इसी साल जुलाई से वेतन जारी देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जो फैसला देगा, उसका पालन होगा।
-कमल सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।