Move to Jagran APP

सावधान! ये दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र है, सुरक्षित चलें

जागरण सुरक्षित यातायात सप्ताह जिले भर में 21 ब्लैक स्पाट चिन्हित नहीं रुक पा रहे हादसे जीटी रोड पर मामूली घुमाव पर टकराते हैं वाहन।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 07:00 AM (IST)
सावधान! ये दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र है, सुरक्षित चलें
सावधान! ये दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र है, सुरक्षित चलें

जासं, मैनपुरी: शहर से लेकर देहाती अंचल तक होते सड़क हादसों ने जगह-जगह दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र बना दिए हैं। कुछ सरकारी अभिलेखों में बाकायदा दर्ज हैं तो तमाम स्थान स्थानीय लोगों के जेहन से निकल नहीं पा रहे हैं। यहां से गुजरते समय खुद ही संभल कर चलना होता है। स्पीड ब्रेकर या सावधानी से सफर के चेतावनी वाले संकेतक कहीं नजर नहीं आते हैं।

loksabha election banner

शहर से दीवानी जाने वाले मार्ग पर दीवानी मोड़ को ही लें। ये मोड़ लगभग 90 डिग्री के कोण वाला है। सामने से आने वाले वाहन के बारे में तब पता चलता है जब वो बिलकुल नजदीक आता है। यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। दो साल पहले स्कूल से लौटती शिक्षिका की स्कूटी को एक ट्रक ने रौंद दिया था। शिक्षिका की मौके पर ही मौत हो गई थी। जिम्मेदार विभाग की बेफिक्री का आलम ये है कि यहां पर स्पीड ब्रेकर तक नहीं बनाए गए हैं।

भोगांव से बेवर के बीच परतापुर पर एक मामूली मोड़ है। जीटी रोड पर फर्राटा भरते वाहन यहां पर हादसे का कारण बनते हैं। इसी जीटी टोड पर बनकिया मोड़ तो हादसों के लिए जाना जाने लगा है।

यही ब्लैक स्पाट(दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र) सड़क यातायात को खतरनाक बना रहे हैं। सड़कों की मरम्मत पर हर साल सरकारी खजाना खर्च किया जाता है, मगर ब्लैक स्पाट पर हादसा टालने के लिए चेतावनी वाले संकेतक भी लगाए जाते। स्पीड ब्रेकर भी नहीं बनाए जाते।

-------------------

ये ब्लैक स्पाट ज्यादा खतरनाक

गग्गरपुर नहर पुल बेवर, गैलानाथ नहर पुल कुरावली, भांवत नहर पुल एलाऊ, सिंहपुर नहर पुल, मैनपुरी-किशनी मार्ग पर भांवत गांव के नजदीक मोड़, दीवानी मोड़, करहल चौराहा, सिधिया तिराहा, देवी मेला मोड़, महादेवा मार्ग, जीटी रोड बेवर में जोगा-पुरइया मोड़, परतापुर मोड़, बिछवां मोड़। इन स्थलों सहित कुल 21 ब्लैक स्पाट पुलिस के अभिलेखों में दर्ज हैं।

ये होनी चाहिए व्यवस्था

पुलिया के किनारों पर सफेद और काली रंग की पट्टियों से पोताई करानी चाहिए, ताकि वाहन की हेड लाइट में चालक सतर्क हो जाए।

पुलिया से तकरीबन 10 मीटर पहले ही संकेतक वाला बोर्ड लगा हो।

खतरनाक मोड़ और पुलिया से पहले रेडियम की पट्टी लगे बोर्ड लगे होने चाहिए।

खतरनाक मोड़ से पहले स्पीड ब्रेकर बने हों।

अधूरा निर्माण कार्य और गड्ढा होने से भी हादसे होते हैं। सड़क किनारे खडे़ वाहन भी हादसे की वजह:

क्षतिग्रस्त वाहन शहर में कोतवाली के बाहर और कस्बा करहल में कोतवाली के बाहर फोरलेन के किनारे सड़क पर ही खड़ा कर दिए गए हैं। कोहरे में ये वाहन हादसे का कारण बनते हैं। कुसमरा थाना क्षेत्र में दो महीने पहले खड़े ट्रक में दूसरा ट्रक भिड़ गया था। इसमें एक राहगीर की मौत हो गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.