चुनाव में पीठासीन अधिकारी की भूमिका होती है खास: डीएम
मैनपुरी जासं किसी भी चुनाव को शांतिपूर्ण निष्पक्ष और स्वतंत्र कराने के लिये सबसे अहम भूमिका होती है।
मैनपुरी, जासं: किसी भी चुनाव को शांतिपूर्ण ,निष्पक्ष और स्वतंत्र कराने के लिये सबसे अहम भूमिका पीठासीन अधिकारी की होती है। बूथ के अंदर पीठासीन अधिकारियों को सभी शक्तियां दी गई है, उसके द्वारा लिया गया निर्णय मान्य होगा, इसलिए सभी पीठासीन अधिकारी मतदान से संबंधित सभी प्रक्रियाओं से पूरी तरह वाकिफ होकर कार्यो और दायित्वों की जानकारी कर लें, ताकि मतदान के समय किसी भी प्रकार का अवरोध, कठिनाई न हो।
यह निर्देश सहायक रिटर्निंग आफिसर स्नातक, शिक्षक खंड महेन्द्र बहादुर सिंह ने टीईपी सेंटर में सोमवार को पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारी प्रथम के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए दिए। मतदान के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकोल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें, प्रत्येक मतदाता की थर्मल स्क्रीनिग कराई जाए, यदि किसी मतदाता का तापमान ज्यादा हो तो उसे टोकन जारी कर सबसे अंत में मतदान कराया जाए। टेंडर मत की स्थिति में मतदाता को अंतिम मतपत्र जारी कर मताधिकार कराया जाए, उस मतपत्र को मत पेटी में न डालकर अलग लिफाफे में सील कर जमा किया जाए।
उन्होंने कहा कि मतदान प्रक्रिया प्रारंभ होने से पूर्व बूथ एजेंटों को मतपेटी खोलकर दिखाई जाए। इसके बाद मतपेटी में एड्रेस टैग डाल सील कर समय से मतदान प्रक्रिया प्रारंभ कराई जाए। उन्होंने कहा कि बूथ के अंदर मतदाता के अलावा अन्य कोई व्यक्ति प्रवेश नहीं करेगा, यदि किसी मतदाता को सुरक्षा मिली हुई है तो उसका सुरक्षाकर्मी भी केंद्र के भीतर प्रवेश नहीं करेगा। सिर्फ दिव्यांग मतदाता के साथ उसके सहायक को प्रवेश की अनुमति होगी।
मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने मौजूद पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारी प्रथम से कहा कि खंड स्नातक, शिक्षक स्नातक का मतदान बैलेट पेपर से होना है, इसलिए मतदान प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए अन्य निर्वाचन की अपेक्षा ज्यादा गंभीर रहना होगा, इस निर्वाचन में शिक्षित वर्ग के मतदाता प्रतिभाग करेंगे इसलिए मतदान कार्मिक सजग रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
आचार्य क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान धीरेंद्र यादव ने पीठासीन अधिकारियों, एस के मिश्रा, एस.के. शंखवार ने मतदान अधिकारी प्रथम को जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान एडीएम बी.राम भी उपस्थित रहे।