हुक्मरानों की अनदेखी से तिरपाल तानकर रह रहे परिवार
शासन की आवास योजनाएं जमीनी तौर पर दम तोड़ती नजर आ रही हैं। गांव चितायन में कच्चे मकानों पर तिरपाल तानकर रहने वालों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। बेहद गरीब तीन सगे भाइयों तक को आवास न मिलने से योजना में हुआ भ्रष्टाचार साफ दिखाई पड़ रहा है।
किशनी (मैनपुरी) । शासन की आवास योजनाएं जमीनी तौर पर दम तोड़ती नजर आ रही हैं। गांव चितायन में कच्चे मकानों पर तिरपाल तानकर रहने वालों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। बेहद गरीब तीन सगे भाइयों तक को आवास न मिलने से योजना में हुआ भ्रष्टाचार साफ दिखाई पड़ रहा है। ग्रामीणों ने डीएम से आवास दिलाने की मांग की है।
विकास खंड के गांव चितायन निवासी भूपेंद्र बाथम और उनके भाई सुशील बेहद गरीब हैं। वह अपनी बूढ़ी मां के साथ तिरपाल तानकर जीवन यापन कर रहे हैं। उज्ज्वला गैस योजना सहित सरकार की किसी योजना का लाभ इन्हें नहीं मिला है। भूपेंद्र और सुशील की शादी हो चुकी है, जबकि तीसरा अविवाहित भाई दिलीप भी इनके साथ कच्चे मकान में रहता है। भाइयों का आरोप है कि उन्होंने कई बार आवास के लिए आवेदन किया, मगर सुनवाई नहीं हुई। ब्लॉक या तहसील से कोई कर्मचारी उनकी मदद को नहीं पहुंचा।
ग्रामीणों का कहना है कि शासन की तमाम आवास योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिल पाता है। जिससे गरीब आवास से वंचित रह जाते हैं। आरोप है कि प्रधान ने अपने चहेतों को आवास, शौचालय का लाभ दिया है, इसकी जांच होनी चाहिए। इसी तरह गांव का ही मनमोहन सैनी का परिवार भी आवास न होने के कारण तिरपाल तानकर रह रहा है। उसके साथ पत्नी रेखा देवी बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहती है। उनके पास तीन बीघा जमीन है, लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी ने उन्हें पांच एकड़ से ज्यादा जमीन का मालिक बताकर अपात्र घोषित कर दिया। उज्ज्वला गैस योजना का लाभ भी इन्हें नहीं मिला। गांव के ही साहूकार बाथम के परिवार को भी कच्चे मकान में तिरपाल तानकर रहना पड़ रहा है। उसके साथ पत्नी गायत्री व तीन बच्चे रहते हैं। परिवार को उज्ज्वला कनेक्शन का लाभ नहीं मिल सका है। जिससे चूल्हे पर खाना बनता है। बीडीओ गणेश प्रसाद का कहना है कि पिछली सूची में कई नाम छूटे हुए हैं उनको वंचित सूची में शामिल करवाया गया है।