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दम तोड़ गई रात में शहर की सफाई योजना

कोरोना संक्रमण में कचरे का प्रबंधन पूरी तरह से ठप पड़ चुका है। रात

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 02:44 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 02:44 AM (IST)
दम तोड़ गई रात में शहर की सफाई योजना
दम तोड़ गई रात में शहर की सफाई योजना

जासं, मैनपुरी :

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कोरोना संक्रमण में कचरे का प्रबंधन पूरी तरह से ठप पड़ चुका है। रात में कचरे का उठान कराने की पालिका की योजना दम तोड़ चुकी है। मुख्य सड़कों से लेकर कालोनियों तक जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। सफाई निरीक्षकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही अब बीमारियों को दावत दे रही है।

मार्च में हुई नगर पालिका बोर्ड की बैठक में यह फैसला हुआ था कि रात के समय में शहर की मुख्य सड़कों और स्थानों से कचरे का उठान कराया जाएगा। सफाई कर्मियों की टीमों को प्रतिदिन शाम सात बजे से रात 11 बजे तक विशेष सफाई अभियान में लगाया जाएगा ताकि शहर साफ रहे। लेकिन यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण के बीच पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। शहर में मुख्य सड़कों और कालोनियों में जगह-जगह गंदगी के ढेर दोपहर तक लगे रहते हैं। सफाई निरीक्षकों और नायकों को यह निर्देश दिए गए थे कि वे कूडे़ का समय पर उठान कराएंगे। यहां रहती है अव्यवस्था

शहर में कचहरी रोड, स्टेशन रोड, तांगा स्टैंड, आश्रम रोड, डीएवी इंटर कालेज रोड, जिला अस्पताल परिसर, आवास विकास कालोनी, पुलिस लाइन रोड, नगला पजाबा, राजीव गांधी नगर, रामलीला मैदान सहित दर्जनों कालोनियों में कचरे के ढेर लगे रहते हैं। गर्मी में बढ़ सकती हैं बीमारियां

कालोनियों में सार्वजनिक जगहों पर कचरा फेंका जा रहा है। यह बीमारियों की वजह बन सकता है। कचरा सड़ने से उससे उठने वाली दुर्गंध सिर दर्द, जी मितलाना और उल्टी जैसी समस्या बढ़ा सकती है। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि लंबे समय तक कचरे के आसपास रहने वालों को पेट और श्वांस संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैँ। गर्मी में डायरिया मुसीबत बढ़ा सकता है। कालोनियों में नहीं दिखतीं गाड़ियां

नगर पालिका द्वारा कचरा प्रबंधन के लिए गाड़ियों की खरीद कराई गई है। शासन के आदेश हैं कि प्रतिदिन ये गाड़ियां कालोनियों में पहुंचकर घरों से कचरा उठाएंगी, लेकिन ज्यादातर कालोनियों में सफाई कर्मियों की मनमानी व्यवस्था पर भारी पड़ गई है। कूड़ा निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सफाई निरीक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि वे अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभाएंगे तो उनके खिलाफ रिपोर्ट उच्चाधिकारियों और शासन को भेजी जाएगी।

मनोरमा, पालिकाध्यक्ष।


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