पानी के लिए भटक रहे मोर
मैनपुरी, किशनी : गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जिले में किशनी
मैनपुरी, किशनी : गर्मी बढ़ने के साथ ही पानी की समस्या भी बढ़ती जा रही है। जिले में किशनी क्षेत्र में पक्षियों की संख्या सबसे अधिक मानी जाती है। यहां बड़ी संख्या में मोर और सारस पाए जाते हैं। इसके पीछे एक खास कारण किशनी में बना समान पक्षी विहार भी हैं। जहां झील में विदेशी पक्षी भी आकर कलरव करते हैं। गर्मी में पानी संकट से इन पक्षियों पर भी संकट मंडराने लगा है।
किशनी क्षेत्र में मोरों की संख्या सर्वाधिक है। समान पक्षी विहार में उन्हें आशियाना और भोजन आसानी से उपलब्ध हो जाता है। समान पक्षी विहार में लोग दूर-दूर से पक्षियों को निहारने के लिए आते हैं। गर्मियों में पानी की कमी से पक्षियों के लिए पेयजल संकट खड़ा हो गया है। हाल ये है कि उन्हें प्यास बुझाने को पानी नसीब नहीं हो रहा है। इसके लिए मोर और अन्य पक्षी यहां से वहां भटकते फिर रहे हैं। क्षेत्र की किसी भी नहर और रजवाह में भी पानी नहीं है। इसके कारण पक्षियों को पानी के लिए दूर-दूर तक तलाश करनी पड़ रही है। दो साल पहले गर्मियों में पानी नहीं मिलने से लगभग आधा सैकड़ा मोरों की मौत हो गई थी।
इन क्षेत्रों में हैं अधिक मोर
क्षेत्र के गांव सठिगवां, ऊंचा इस्लामाबाद, कुम्हौल, ढकरोई, कुरसंडा, रतिभानपुर, गवे, शमशेरगंज, सींगपुर, रठेह, बघौनी, सौनासी, कत्तरा, अरसारा, फरैंजी, जटपुरा, खिदरपुर, बसैत, खरगपुर समेत आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में मोर पाए जाते हैं। अगर जल्द ही प्रशासन ने नहरों में पानी छोड़ने के साथ ही पोखरों में भी पानी भरवाया जाए।
नहर में पानी छोड़ने से होगा बचाव
किशनी के 75 वर्षीय किसान सिपाहीराम बताते हैं कि खाने-पीने के मामले में मोर काफी संवेदनशील होते हैं। अगर मोर के लिए पानी अलग से रखा भी जाए तो भी वह उसे नहीं पीएगा। फिर चाहे वो मर ही क्यों न जाए। अगर थोड़ी सी बारिश हो जाए तो मोरों को राहत जरूरी मिल सकती है। नहर विभाग के अधिकारी जल्द ही नहर में पानी छोड़े जाने की बात कह रहे हैं।