बरसात में फिर डूबेगा शहर, जनता को उठानी पड़ेगी परेशानी
मैनपुरी जासं। मानसून सिर पर है लेकिन नगर पालिका ने अब तक नालों के सफाई की कोई कार्ययोजना ही नहीं बनाई है। बेफिक्र पालिका प्रशासन की मनमानी से शहरवासी चितित हैं। दिनों-दिन हो रही देरी से लोगों को इस बार भी बारिश में जलभराव की चिता सता रही है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: भारत में मानसून के 29 जून को दस्तक देने का अलार्म बज चुका है। पूरा शहर पिछले वर्ष की बरसात को अब तक भूला नहीं है। उफने नालों ने गली-गली, मुहल्ले-मुहल्ले को अपने में समेट लिया था। नाला सफाई को लेकर पालिका की बेफिक्री ने शहरवासियों की धड़कन तेज कर दी है। नाला सफाई के लिए अभी तक कोई कार्ययोजना तक नहीं बनाई गई है। अधिकारी चुनावी व्यस्तता का बहाना बना रहे हैं।
शहर में छोटे-बडे़ मिलाकर लगभग एक सैकड़ा से ज्यादा नाले हैं। मानसून के पूर्वानुमान को देखते हुए लगभग डेढ़ महीने बाद बारिश दस्तक दे देगी। यदि ऐसा होता है तो शहरवासियों की मुश्किलें बढ़ना तय हैं। पालिका सूत्रों की मानें तो सभी नालों की सफाई में दो महीनों से ज्यादा का समय लगता है। आदर्श आचार संहिता की वजह से 23 मई तक सफाई की शुरुआत होने की संभावना भी नहीं है। ऐसे में इतने कम समय में ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर कर पाना पालिका के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। सीवर लाइन भी बनेगी समस्या
बरसात में नालों से ज्यादा समस्या शहर की सीवर लाइन बनेगी। पूरी लाइनें चोक होने के कारण जल निकासी नहीं हो पा रही है। कॉलोनियों में मेनहोल से गंदा पानी रिस रहा है।
ये कॉलोनियां ओवरफ्लो की चपेट में
आवास विकास कॉलोनी, देवपुरा, पंजाबी कॉलोनी, महमूदनगर, हरिदर्शन नगर, राधा रमन रोड, स्टेशन रोड, कचहरी रोड, पुरानी मैनपुरी, देवी रोड की ज्यादातर कॉलोनियां।
पिछले वर्ष यहां हुआ था जलभराव
पिछली बरसात में नाला सफाई न होने के कारण सीवर लाइन में बैकफ्लो हुआ था। तेज बारिश में स्टेशन रोड पर इलाहाबाद बैंक से लेकर क्रिश्चियन तिराहा तक पूरी सड़क जलमग्न हो गई थी। बजाजा बाजार, लोहा मंडी, घंटाघर, कृष्णा टाकीज रोड, सदर बाजार, लेनगंज सहित दूसरे प्रमुख बाजार भी जलमग्न हो गए थे।
बॉक्स- सबसे पहले 35 नालों की होगी सफाई
पालिका के अधिशासी अधिकारी मनोज रस्तोगी कहते हैं कि तैयारी कर ली है। पूरे शहर के ड्रेनेज सिस्टम को काबू करने वाले 35 नाले चिह्नित कर लिए हैं। पहले इनकी सफाई कराई जाएगी। उसके बाद संपर्क नालों में सफाई होगी।
ऐसे होती है सफाई
-एक नाला की सफाई में पांच से छह दिन
-जेसीबी से सिल्ट निकाली जाएगी, फिर कर्मचारी नाले से गंदगी निकालेंगे।
-दो-तीन दिनों में सिल्ट सूखने के बाद इसे हटाया जाएगा।
- सिल्ट हटाने में बरती जाती लापरवाही, बरसात में ये सिल्ट वापस नाले में चली जाती है।
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