जीटी रोड किनारे मकानों के मूल्यांकन में जुटा अमला
चौड़ीकरण में ध्वस्त होने वाले भवनों के मुआवजे के लिए कार्रवाई तेज।
भोगांव, संवादसूत्र। जीटी रोड चौड़ीकरण के दायरे में आ रहे मकानों पर बुलडोजर चलाने से पहले उनका मूल्यांकन कराया जा रहा है। इसके बाद मुआवजा वितरण का काम शुरू होगा। मकानों व अन्य निर्माण को चिह्नित कर पीडब्ल्यूडी से अनुमानित मुआवजे का आकलन कराया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग जीटी रोड के अलीगढ़ से कानपुर तक के खंड को फोरलेन बनाने में जिले में हाइवे किनारे बने मकानों का गिरना तय है। गांवों में निर्माण गिराने के लिए चिह्नीकरण की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। भोगांव व कुरावली तहसील के लगभग दो दर्जन गांवों में जीटी रोड किनारे मकानों व अन्य स्थाई निर्माण को हटाया जाना है। निर्माण हटाने से पहले उनके मालिकों को मुआवजे की कार्रवाई को लेकर लोक निर्माण विभाग के विशेषज्ञों से मूल्यांकन का काम कराया जा रहा है। मुआवजे की धनराशि तय होने के बाद इन मकानों को हटाने का काम एनएचएआइ प्रशासन शुरू करेगा। एनएचएआइ अलीगढ़ खंड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीपी ¨सह व अधिकारी केएल वर्मा ने बताया कि जिले में नवीगंज से कुरावली के शरीफपुर तक सभी गांवों में ध्वस्त होने वाले निर्माण चिह्नित कर मालिकों को नोटिस दे दिए गए हैं। मकान ध्वस्त करने के एवज में मुआवजा वितरण का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
987 निर्माण होंगे ध्वस्त: जिले में हाइवे के चौड़ीकरण में 987 परिसंपत्तियों को ध्वस्त किया जाना है। इनमें मकान, दीवार, बो¨रग, गोदाम आदि शामिल हैं। अब तक 267 को ध्वस्त किया जा चुका है। अन्य के लिए प्रशासन जल्द अभियान चलाएगा।