डीएसओ कार्यालय में अधिकारी और फरियादी हाजिर
जागरण टीम के पहुंचने से पहले शुक्रवार सुबह दस बजे ही डीएसओ आ गए। चार उपभोक्ता भी शिकायत लेकर आए।
जासं, मैनपुरी: शुक्रवार सुबह दस बजे जिला पूर्ति कार्यालय के बरामदे में लिपिक आपस में चर्चा में मशगूल थे। चार उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर यहां आए हुए थे। डीएसओ भी अपने कक्ष में बैठे हुए थे।
सुबह दस बजे जागरण टीम जिला पूर्ति कार्यालय पहुंची तो बरामदे में विभाग के बाबू किसी मामले पर चर्चा कर रहे थे। यह क्रम दस मिनट तक चला, इसके बाद सभी अपने कक्षों में चले गए। इस दौरान किशोरपुर से आए रामलखन ने बताया कि पत्नी के नाम राशन कार्ड बनवाना है, इसलिए संयुक्त कार्ड से अपना नाम कटवाने आए हैं। किशनी के ओमकार स्वजन का नाम राशन कार्ड में जुड़वाने की फरियाद लेकर आए थे। वहीं, ग्वालटोली के रमेश राशन कार्ड में आधार लिक कराने के लिए लाइन में खड़े थे। डीएसओ यूआर खान ने बताया कि सरकारी काम नहीं होने पर वह समय पर कार्यालय आते हैं। इसी बीच उनके सामने पत्रावली आईं, जिस पर जरूरी निर्देश दिए। उनका कहना था सभी कर्मचारियों को समय से आकर जनता की शिकायत दूर करने के निर्देश भी दे रखे हैं। चल रहा था मिलान
कार्यालय में नगर पूर्ति निरीक्षक के कक्ष में संख्या मिलान हो रहा था। इसके पास वाले कक्ष में भी दो बाबू कंप्यूटर पर जरूरी सूचनाएं दर्ज कर रहे थे। आन द स्पाट जांच में 18 नमूने हुए फेल
जासं, मैनपुरी: खाद्य पदार्थों में जमकर मिलावट हो रही है। यह हम नहीं, खाद्य विभाग द्वारा आन द स्पाट पर हुई जांच बता रही है। तीन ब्लाक में हुए खाद्यान्न परीक्षण अभियान में 30 में से 18 नमूने फेल हो गए। कुसमरा में खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने फास्ट फूड के ठेलों से नमूने भरे। सोस में सिथेटिक कलर पाया गया।
शुक्रवार को खराब खाद्य पदार्थों की सत्यता की मौके पर जानकारी देने के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कुसमरा, किशनी और बेवर में मोबाइल वैन संचालित की। इस दौरान कस्बों में दुकानदार और नागरिकों के द्वारा लाए गए खाद्य पदार्थों की जांच की तो 18 खाद्य पदार्थ मानक पर फेल हो गए। अभिहीत अधिकारी डा. टीआर रावत ने बताया कि शुक्रवार को जनता और दुकानदारों को जागरूक करने के लिए फूड सेफ्टी आन व्हीकल्स का संचालन हुआ। वैन के साथ खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसबी सिंह, डा. राजेश कुमार और डीके वर्मा मौजूद रहे।
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तेल में पाया गया एसिड-
अभिहीत अधिकारी ने बताया कि इस मौके पर खाद्य पदार्थ बनाने को बार-बार प्रयुक्त किए जाने वाले खाद्य तेल की भी जांच की गई। इसमें एसिड की मात्रा ज्यादा निकली। इस पर कारोबारियों को दूसरों की सेहत से खिलवाड़ नहीं करने को समझाया। वहीं मिर्च पाउडर में रंग की मिलावट सामने आई।