हद है, इन्हें नहीं पता स्वस्थ शरीर का कितना तापमान
मैनपुरी जासं। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर एक कार्यालय में हेल्प डेस्क का संचालन तो कराया जा रहा है लेकिन ज्यादातर कार्यालयों में डेस्क की कमान संभाल रहे कर्मचारियों को अधूरी जानकारी देकर बैठा दिया गया है। उन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि वे तापमान किस आधार पर दर्ज कर रहे हैं। सिर्फ स्कैनर में आने वाले अंकों को देखकर ही कार्यालयों में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
²श्य एक : समय दोपहर 12 बजे। कार्यालय अधिशासी अभियंता विद्युत-2 करहल रोड। यहां हेल्प डेस्क संभाल रहे गार्ड रामसेवक जांच तो सबकी करते हैं, लेकिन खुद उन्हें पूरी जानकारी नहीं दी गई। उन्हें सिर्फ इतना बताया गया है कि थर्मल स्कैनर की स्क्रीन लाल होती है तो व्यक्ति को कार्यालय में न आने दिया जाए। सिर्फ हरी स्क्रीन पर ही अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ प्वाइंट दर्ज करने हैं। 40 से ऊपर नंबर दिखने पर प्रवेश नहीं दे सकते।
²श्य दो : समय दोपहर एक बजे। विकास भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर पीआरडी जवान रवींद्र सिंह ने जिम्मा संभाल रखा था। शरीर का तापमान चेक करने वाली मशीन के बारे में पूछने पर बताया कि यह टेंपरेचर चेकिग मशीन है और सभी को टेबिल पर जांच करानी ही होगी। स्वस्थ व्यक्ति के शरीर का तापमान कितना होता है, इसके बारे में वह अनभिज्ञता जाहिर करने लगे।
जासं, मैनपुरी: कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर एक कार्यालय में हेल्प डेस्क का संचालन तो कराया जा रहा है, लेकिन ज्यादातर कार्यालयों में डेस्क की कमान संभाल रहे कर्मचारियों को अधूरी जानकारी देकर बैठा दिया गया है। उन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि वे तापमान किस आधार पर दर्ज कर रहे हैं। सिर्फ स्कैनर में आने वाले अंकों को देखकर ही कार्यालयों में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।
पढ़ाए गए सिर्फ दो अंक, दिखाए दो रंग: कोविड-19 हेल्प डेस्क संभालने वालों को जिम्मेदारों द्वारा सिर्फ यही बताया गया है कि यदि 36.38 डिग्री सेल्सियस और 98.2 फॉरेनहाइट से ज्यादा नंबर दिखते हैं तो ऐसे लोगों को प्रवेश न करने दिया। इसके अलावा यदि स्कैनर की स्क्रीन लाल हो जाए तो भी प्रवेश रोका जाए। कर्मचारियों को डिग्री सेल्सियस और फॉरेनहाइट का अंतर ही नहीं बताया गया है।
मशीनें बदलीं तो क्या करेंगे: बाजार में मिलने वाले थर्मल स्कैनरों में कुछ में डिग्री सेल्सियस में तो कुछ में फॉरेनहाइट में शरीर का तापमान दर्शाया जा रहा है। कर्मचारियों को सिर्फ अंक समझाए गए हैं। यदि तकनीकी खराबी आने पर अचानक स्कैनरों को बदल दिया जाए तो समझ में फेर की वजह से जांच में समस्या आ सकती है।
यह तो समस्या है। अब प्रयास होगा कि एक दिन सभी को इन मशीनों के संचालन, कार्य करने के तरीकों और तापमान के पैमानों के बारे में भी जानकारी दी जाए। हेल्प डेस्क पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। लिहाजा, इन पर बैठने वाले कर्मचारियों को जागरूक किया जाएगा। डॉ. एके पांडेय, सीएमओ।