कुसमरा के वार्ड नगला मनी के नहीं बदले हालात
कुसमरा संसू। नगर पंचायत में शामिल होने बाद भी कुसमरा के नगला मनी के हालात नहीं सुधर सके। यहां बारिश का पानी सड़कों पर भर रहा है जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइटें खराब हैं जिससे अंधेरे में लोग गिरकर चुटैल हो रहे हैं। 15 साल पहले बनी सड़क भी जर्जर हो गई है।
जासं, कुसमरा: नगर पंचायत में शामिल होने बाद भी कुसमरा के नगला मनी के हालात नहीं सुधर सके। यहां बारिश का पानी सड़कों पर भर रहा है, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे अंधेरे में लोग गिरकर चुटैल हो रहे हैं। 15 साल पहले बनी सड़क भी जर्जर हो गई है।
करीब दो दशक पहले नगला मनी और दूसरे मुहल्ले को नगर पंचायत में शामिल किया गया था। नगर पंचायत का हिस्सा बनने के बाद पूर्व चेयरमैन रघुवीर चक ने यहां सड़क बनाने का प्रस्ताव पास कराया था। उनके बाद चेयरमैन बने विपिन कुमार शुक्ला ने अपने कार्यकाल के दौरान सड़क को बनवाया, लेकिन नालियां नहीं बनवाईं। देखरेख के अभाव में सड़क जर्जर हो गई। गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिसमें घरों के साथ बारिश का पानी भरा रहता है।
सड़क पर पानी और कीचड़ होने से लोग आए दिन फिसल जाने से गिरकर घायल हो रहे हैं। रात में उजाले के लिए लगाई गई स्ट्रीट लाइट जिम्मेदार खोल ले गए। वार्ड छह में शामिल नगला मनी में अब शाम होने के बाद अंधेरा छा जाता है। लोगों ने आरोप लगाया कि मुहल्ले में लगाई गईं स्ट्रीट लाइटों को सभासद खोल ले गए और उन्हें अपने होटल और आवास पर लगा रखा है।
घर बचाने की चिता
बारिश का पानी घरों के आसपास जमा होने के बाद अब नागरिकों को आशियाने बचाने की चिता सताने लगी है। डेढ़ सौ घर और एक हजार से ज्यादा आबादी वाले इस वार्ड के लोग घरों को बचाने के लिए दीवार के सहारे मिट्टी भरने में जुट गए हैं।
ये बोले ग्रामीण
पानी का निकास न होने के कारण सड़क दलदल बन गई है, जिससे दुर्गध आती रहती है। गली से निकलने वाले घायल हो चुके हैं। आधा किलोमीटर घूमकर घर जाना पड़ रहा है। शिवराम।
चेयरमैन संजय गुप्ता गली सही नही करा रहे हैं। मच्छर मारने की दवा तक का छिड़काव नहीं कराया गया है। शाम होते ही मच्छर पनपने लगते हैं। -अनुज कुमार।
नाली न होने की वजह से जलभराव की समस्या है। कहीं से यह नगर पंचायत का वार्ड नही लगता। सभासद सभी गलियों की स्ट्रीट लाइट खुलवाकर ले जा चुके हैं।
-नेकराम।
लाखों रुपये विकास के लिए आए, लेकिन दशा नहीं सुधरी। सभासद सरकारी नल भी अपने घर के दूसरे मंजिल मकान पर लगाए हुए हैं।
- महेश चंद।