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पांच वर्ष में कुछ भी तो न बदला चौरासी बीच गांव में

गांव की सरकार गांव की कई गलियां आज भी कची शौचालय बनने के साथ ही हुए ध्वस्त झोपड़ी में रह रहे गरीब

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:40 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:40 AM (IST)
पांच वर्ष में कुछ भी तो न बदला चौरासी बीच गांव में
पांच वर्ष में कुछ भी तो न बदला चौरासी बीच गांव में

जासं, मैनपुरी: गांव चौरासी बीच में गांव की सरकार बने पूरे पांच साल हो गए। लेकिन, यहां कुछ भी न बदला। आज भी वही कच्ची गलियां लोगों को दर्द दे रही हैं। मामूली बारिश में यहां जलभराव और फिसलन से राह निकलना मुश्किल हो जाता है। गांव से स्वच्छता गायब है। जगह-जगह गंदगी बिखरी हुई है। सफाई कर्मचारी आता ही नहीं है। आता है तो कुछेक जगह औपचारिकता कर चला जाता है। सरकारी योजनाओं की बात करें तो आज भी तमाम गरीब परिवार झोपड़ी में रह रहे हैं। कई ने आवेदन किए, लेकिन लाभ ही नहीं मिला। यहां कुछ लोगों के बनाए गए शौचालय उपयोग में आने से पहले ही ध्वस्त हो गए। ऐसे में लोग खेतों की ओर दौड़ लगाने को मजबूर हैं।

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यह हाल है मैनपुरी ब्लाक की ग्राम पंचायत नौनेर में शामिल गांव चौरासी बीच का। विकास से पीछे छूटे इस गांव में बदहाली छाई हुई है। अधूरा पड़ा है विद्यालय का शौचालय

कायाकल्प योजना के तहत गांव की पाठशाला में विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए शौचालय बनवाया गया था, जो आज भी अधूरा है। काम पूरा नहीं होने से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। ध्वस्त हो गए शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में शौचालय तो बनवाए गए, लेकिन घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। इस वजह से अधिकांश की जमीन धंस गई है।

आमने-सामने

ग्राम पंचायत काफी बड़ी है, खूब विकास कराया गया है। सीसी, इंटरलाकिग के काम कराए गए हैं। पात्रों को योजनाओं का लाभ दिलाया गया है।

-स्मृता देवी, निवर्तमान प्रधान।

विकास के नाम पर सरकारी धन का गोलमाल किया गया है। शौचालय में जमकर धांधली हुई है। पात्रों को आवास नहीं दिलाए गए, जबकि अपात्रों को उपकृत किया गया है।

-विमला देवी, विपक्षी प्रत्याशी।

ग्रामीणों की बात-

आज तक सरकारी पक्का आवास नहीं मिला है, झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। सूची से नाम कटवाकर अपात्रों को आवास दिए गए हैं।

-सोनी।

शौचालय की सीट घंस गई है। बनने के बाद से आज तक इस्तेमाल नहीं हो सका है। घटिया सामान लगाया है।

-ज्ञान देवी।

मनरेगा से काम किया था। बीते साल किए गए काम के दिनों में से 35 दिन का मानदेय आज तक नहीं दिया गया।

-शिववीर सिंह।

गांव की कई गलियां कच्ची हैं, बारिश में यह परेशानी की वजह बनती हैं। विकास के नाम पर केवल छलावा हुआ है।

-पप्पू सिंह। खास बात-

आबादी- 1500

मतदाता- 800

पाठशाला- एक।

आंगनबाड़ी केंद्र- एक

तालाब- एक


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