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नहीं लगाई ऑक्सीजन, नवजात जुड़वां बच्चों की मौत

मैनपुरी जासं। एक बार फिर प्राइवेट अस्पताल की अमानवीयता सामने आई है। डिलीवरी के बाद जुड़वां बच्चों की हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रशासन ने कृत्रिम ऑक्सीजन के लिए 10 हजार रुपये जमा कराने का दबाव डाला। रुपये जमा न करा पाने पर दोनों बच्चों को ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। इलाज में लापरवाही से दोनों नवजात की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 11:49 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:09 AM (IST)
नहीं लगाई ऑक्सीजन, नवजात जुड़वां बच्चों की मौत
नहीं लगाई ऑक्सीजन, नवजात जुड़वां बच्चों की मौत

जासं, मैनपुरी : एक बार फिर प्राइवेट अस्पताल की अमानवीयता सामने आई है। डिलीवरी के बाद जुड़वां बच्चों की हालत बिगड़ने पर अस्पताल प्रशासन ने कृत्रिम ऑक्सीजन के लिए 10 हजार रुपये जमा कराने का दबाव डाला। रुपये जमा न करा पाने पर दोनों बच्चों को ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। इलाज में लापरवाही से दोनों नवजात की मौत हो गई। गुस्साए स्वजनों ने जमकर हंगामा काटा। अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पीड़ित पिता ने अस्पताल संचालक और चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। मौत की वजह जानने को पुलिस को नवजात के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

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जिला एटा थाना जैथरा के गांव मानिकपुर निवासी सीमा (25) पत्नी सतपाल को प्रसव वेदना बढ़ने पर स्वजन रविवार रात 9:30 बजे आवास विकास कॉलोनी स्थित उत्तम नर्सिंग होम पर लाए थे। पति का कहना है कि चिकित्सक डॉ. उत्तम ने यह कहकर 30 हजार रुपये जमा कराए थे कि ऑपरेशन करना पड़ेगा। लेकिन, रात 10:30 बजे नॉर्मल डिलीवरी में दो जुड़वा बालकों ने जन्म लिया। पिता का आरोप है कि जन्म के थोड़ी देर बाद बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी।

बच्चों को ऑक्सीजन लगाने के नाम पर चिकित्सक द्वारा 10 हजार रुपये जमा कराने का दबाव बनाया गया। असमर्थता जताने पर बच्चों को ऑक्सीजन नहीं लगाई गई। इसकी वजह से सोमवार की सुबह सात बजे और 7:30 बजे दोनों बच्चों की मौत हो गई। मौत के बाद गुस्साए स्वजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। पीड़ित पिता की तहरीर पर पुलिस ने अस्पताल संचालन डॉ. उत्तम और महिला चिकित्सक डॉ. रितु गुप्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। दोनों बच्चों की मौत की वजह जानने को पोस्टमॉर्टम के लिए शव भेजे गए हैं।

जिस वक्त महिला को लाया गया था रक्तस्त्राव हो रहा था। डिलीवरी कराई गई। बच्चे सात माह के थे जिनका वजन 700 और 800 ग्राम था। स्वजनों को बताया गया था कि मैनपुरी में ऐसे बच्चों के बेहतर उपचार की सुविधाएं नहीं हैं लिहाजा बच्चों को सैफई ले जाना पड़ सकता है। बावजूद इसके स्वजन नहीं ले गए। आरोप बेबुनियाद हैं।

डॉ. उत्तम सिंह, संचालक, उत्तम नर्सिंग होम।

'जांच टीम का गठन कर दिया गया है। टीम में एक एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ और कर्मचारी शामिल हैं। अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। इस मामले में विस्तार से जांच कराई जा रही है।'

डॉ. एके पांडेय, सीएमओ।


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