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पांच साल से नहीं हुआ दंत रोगों का उपचार

सरकार तो कोरोना की तीसरी लहर से जंग की तैयारी में जुटी ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 04:54 AM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 04:54 AM (IST)
पांच साल से नहीं हुआ दंत रोगों का उपचार
पांच साल से नहीं हुआ दंत रोगों का उपचार

संवाद सूत्र, बेवर (मैनपुरी): सरकार तो कोरोना की तीसरी लहर से जंग की तैयारी में जुटी है। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात भी कही जा रही है, परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेवर में यह सारे दावे फेल नजर आते हैं। व्यवस्था की बदहाली का अंदाजा इससे लगाईए कि यहां पांच साल से एक भी दंत रोगी का उपचार नहीं हुआ। वजह, डेंटल चेयर खराब पड़ी है। एक्सरे मशीन पुरानी हो चुकी है और आए दिन फाल्ट के चलते मरीज मायूस होते हैं। अस्पताल, डाक्टरों की कमी से भी जूझ रहा है। जागरण टीम सुबह साढ़े दस बजे सीएचसी पहुंची। अस्पताल में कोविड डेस्क पर रामवीर वर्मा और दुष्यंत सिंह, लोगों की आरटीपीसीआर जांच कर रहे थे। आपातकालीन कक्ष में डा. स्नेहिल त्रिपाठी मौजूद थे और मरीजों को उपचार दे रहे थे। औषधि वितरण कक्ष में फार्मासिस्ट बिजेंद्र सिंह भी मौजूद मिले, मरीजों का दवाओं का वितरण भी हो रहा था। आयुष चिकित्सक डा. नंदन भी मरीजों को उपचार दे रहे थे। जबकि आयुष महिला चिकित्सक नीरज लता अनुपस्थित मिले। बताया गया कि नियमानुसार एक सर्जन, एक विशेषज्ञ, एक महिला रोग विशेषज्ञ, एक निष्चेतक और एक फिजीशियन की तैनाती होनी चाहिए। वर्तमान में सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक पद का जिम्मा पीएचसी मानपुर हरी के चिकित्साधीक्षक डा.मनीष प्रताप सिंह को दिया गया है। वह दोनों जगह की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सीएचसी पर चिकित्साधिकारी के रूप में एकमात्र डा. स्नेहिल त्रिपाठी ही हैं। आयुष चिकित्सक भी लोगों को उपचार देते हैं। अस्पताल में दंत चिकित्सक के रूप में डा. पारुल की तैनाती है। बताया गया कि अस्पताल में डेंटल चेयर पांच साल से खराब पड़ी है। इस अवधि में एक भी दंत रोग पीड़ित मरीज का उपचार नहीं हो सकता है। मरीज अक्सर मायूस होकर लौटते हैं। हालांकि अस्पताल में टीबी वार्ड, प्रसव कक्ष में व्यवस्थाएं बेहतर हैं। परंतु महिला सर्जन न होने से गंभीर मरीजों को महिला जिला अस्पताल रेफर करना पड़ता है।

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पुरानी एक्स रे मशीन से चल रहा है काम

भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को आधुनिक किया जा रहा हो, लेकिन सीएचसी बेवर पर आज भी पुरानी एक्सरे मशीन का ही सहारा है। बताया गया कि मशीन अक्सर खराब हो जाती है। अस्पताल में हीमोग्लोबिन, एचआइवी, ब्लड शुगर, हेपेटाइटिस, मलेरिया, टाइफाइड आदि जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

जर्जर आवास बने परेशानी

सीएचसी के डाक्टर और स्टाफ के लिए जर्जर आवास परेशानी बने हुए है। इनमें से ज्यादातर गिरासू हालत में हैं, ऐसे में हादसे की आशंका सताती रहती है। स्टाफ ने बताया कि समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। बंद पड़ा तीस शैय्या महिला अस्पताल

सीएचसी पर ही तीस शैय्या अस्पताल का निर्माण कराया गया है। परंतु साल पहले भवन निर्माण पूरा होने के बाद से अब तक इसकी शुरुआत नहीं हो सकती है। ---

जीटी रोड पर स्थित होने के कारण यह सीएचसी ज्यादा महत्वपूर्ण है। यहां डाक्टरों की तैनाती बढ़ाने और डिजिटल एक्सरे सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है।

डा. स्नेहिल त्रिपाठी, चिकित्साधिकारी सीएचसी बेवर पर चिकित्सकों की तैनाती जल्द की जाएगी। वहां के संसाधनों को लेकर भी विवरण मांगा जाएगा और जल्द से व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगीं।

डा. एके पांडेय, सीएमओ

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