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गांव विधूना में आवास की दरकार, जलभराव दे रहा दर्द

गांव में 250 शौचालय में आधे बने ही नहीं हैं। ग्रामीण कचे मकानों में रह रहे हैं। अपात्रों को आवंटन की जांच चल रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 06:53 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 06:53 AM (IST)
गांव विधूना में आवास की दरकार, जलभराव दे रहा दर्द
गांव विधूना में आवास की दरकार, जलभराव दे रहा दर्द

संवाद सूत्र, घिरोर, मैनपुरी: विधूना ग्राम पंचायत में गांव की सरकार को पूरे पांच साल हो गए, लेकिन यहां विकास अपेक्षाकृत नहीं हुआ। गांव में आवंटित ढाई सौ शौचालयों में से आधे बने ही नहीं हैं, जबकि शेष में से अधिकांश अधूरे हैं। ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच को जाने के लिए मजबूर हैं। वहीं तमाम गरीबों को आवास की दरकार है। इस योजना में अपात्रों को लाभान्वित किया गया है, जिसकी जांच चल रही है। गलियों में होने वाला जलभराव लोगों को दर्द दे रहा है।

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घिरोर ब्लाक की ग्राम पंचायत विधूना में नगला भारा और रामगंज भी शामिल हैं। यहां की आबादी करीब साढ़े तीन हजार है और 1280 मतदाता। बीते पंचायत चुनाव में ऊषा देवी प्रधान पद पर निर्वाचत हुई थीं। उनके दावे पर्याप्त काम कराने के हैं, परंतु धरातल पर यह खरे उतरते नजर नहीं आते। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में 250 लोगों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत शौचालय के लिए पात्र पाया गया था। परंतु, इनमें से आधे शौचालयों का निर्माण अब तक शुरू ही नहीं हुआ है। 100 से अधिक शौचालय बने हुए दर्शाए गए, परंतु हकीकत में इनमें भी ज्यादातर अधूरे हैं। कहीं सीट नहीं लगी हैं तो कहीं छत नहीं बनी है। यही हाल पीएम आवास योजना का है। ग्रामीणों का आरोप है कि दर्जन भर से अधिक लोगों को इसका लाभ दिलाया गया, परंतु इनमें से ज्यादातर अपात्र हैं। ग्रामसभा में गलियां तो पक्की हैं, परंतु कहीं भी नालियां नहीं बनाई गईं। ऐसे में आए दिन जलभराव की स्थिति बनती है। गांव में सफाईकर्मी भी नहीं आते हैं। पंचायत घर और स्कूल बदहाल

गांव में विकास की हकीकत पंचायत घर ही बताता है। पंचायत घर के खिड़की और दरवाजे तक गायब हो चुके हैं। इसी तरह गांव विधूना में बने प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल तक नहीं है। गांव में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कुछ माह पहले ही शुरू हुआ है, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। गंदगी से पटे तालाब

गांव विधूना में दो बड़े तालाब हैं, परंतु इनको सहेजने-संवारने के लिए भी कोई कारगर काम नहीं कराया गया है। तालाबों में गंदगी और कचरा डाला जा रहा है। जलमंजनी की भरमार है। ग्रामीणों ने बताया कि तालाब की सफाई के लिए कई बार मांग की गई, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। शौचालय निर्माण और आवास आवंटन की चल रही जांच

पूर्व में ग्रामीणों ने प्रधान के खिलाफ शौचालय निर्माण और आवास आवंटन में गोलमाल की शिकायत सीडीओ से की थी। इसके बाद सीडीओ ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच अधिकारी कई बार गांव में सत्यापन कर चुके हैं, परंतु अब तक जांच पूरी नहीं हो सकी है। आमने-सामने

हमारी ओर से विकास का पर्याप्त प्रयास किया गया। शौचालय और आवास दिलाने के साथ कई जगह इंटरलाकिग आदि कार्य भी कराए गए हैं।

ऊषा देवी, निवर्तमान प्रधान विकास के नाम पर बंदरबांट किया गया है। अपात्रों को लाभ दिया गया है। शौचालय निर्माण में भी जमकर गोलमाल किया गया है।

मनोज कुमार, विपक्षी प्रत्याशी

यह बोले ग्रामीण

गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। न शौचालय बनवाए गए और न ही आवास का लाभ पात्रों को दिया गया।

मनोज कुमार, विधूना गांव में सफाई की व्यवस्था बदहाल है। सफाईकर्मी नहीं आता है। नालियां भी नहीं बनी हैं, ऐसे में पानी फैलता रहता है।

पवन यादव, रामगंज गांव के तालाब बुरी तरह बदहाल हैं। कई बार सफाई के लिए मांग की गई है, परंतु कोई कदम नहीं उठाया गया।

संदीप पाठक, विधूना विकास केवल कागजों में ही किया गया है। धरातल पर कुछ नहीं हुआ। गांव में विकास कार्यों की जरूरत है।

रतिराम, भारा


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